हैदराबाद : हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा सातवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय डॉ. कृष्ण मोहन सिंह (विभागाध्यक्ष श्री नरहेजी महा विद्यालय नरही – नगरा बलिया उत्तर प्रदेश ) ने किया। यह कार्यक्रम गुगल मीट द्वारा आनलाइन किया गया जिसकी मिटिंग आइडी नस्र ब्वायज् स्कूल गच्चीबावली साइबराबाद हैदराबाद के हिंदी अध्यापक एवं कवि उमेश चंद यादव द्वारा प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि का परिचय मुम्बई की कवयित्री अंजू पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सिंगरौली मध्य प्रदेश से रंजीता पाण्डेय द्वारा माँ सरस्वती वंदना से की गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘स्वतंत्रता आंदोलन में काव्य साहित्य भूमिका’ विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ. कृष्ण मोहन सिंह ने अनेक कवियों जैसे सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, रामधारी सिंह दिनकर, पंत आदि की कविताओं के भाव व्यक्त करते हुए कहा कि कि वीरों में सोई हुई देशभक्ति की भावना को जगाने में संजीवनी का काम काव्य विधा ने किया हैं।
कार्यक्रम का संचालन रायपुर छत्तीसगढ़ की मशहूर कवयित्री एवं शिक्षिका विजेता शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कवि उमेश चंद यादव द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा आयोजित सातवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में हिंदुस्तान के अनेक राज्यों से साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया और अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
यह भी पढ़ें-
इस दौरान किसी ने श्री कृष्ण भक्ति , माँ, वीर रस तो किसी ने नारी शक्ति, प्रकृति प्रेम, हिंदी से प्यार, लोकगीत, देश भक्ति, भाषा शिक्षक की व्यथा, नये वर्ष का स्वागत, सुहानी सुबह एवं बालिकाओं की शक्तिप्रधान, बदलते समय में खोता संस्कार भोजपुरी अंदाज में संस्कृति की विशेषता भरी कविताएं सुनाए। सभा के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण मोहन सिंह ने काव्य साहित्य एवं स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रकाश डालकर सबका ज्ञान वर्धन एवं मार्गदर्शन किए। हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा देश के हर क्षेत्र के साहित्य प्रेमियों को जोड़ने के इस प्रयास की खूब सराहना की गई।
हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच की ओर से आयोजित सातवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ करने वाले विद्वान डॉ विरेंद्र कुमार शर्मा, कवि उमेश चंद यादव, मुम्बई से अंजू पाण्डेय, नीलेश जैन शिखा, हैदराबाद से गंगा पचौरी, विजेता शर्मा, श्रीनिवास एन, ममता देवेंद्र पचौरी, ममता जायसवाल, विनोद गिरि ‘अनोखा’, डॉ. सुषमा देवी, श्वेता प्रसाद, रंजीता पाण्डेय, डॉ. निर्मला राजपूत, जय प्रकाश, रजनी, आदि कवियों ने सभी को काव्य रस से सराबोर कर दिया।
इस कार्यक्रम में रंजीता पाण्डेय, डॉ. शैलेश कुमार सिंह, डॉ. रवि घायल, मीनाक्षी शर्मा, सूरज पासवान आदि साहित्य प्रेमी भी शामिल हुए। सभी ने हिंदी साहित्य सेवक परिवार के इस पहल की खूब सराहना किया और कहा कि आगे भी साहित्यिक कार्यक्रम करते रहें। कार्यक्रम के अंत में कई सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया गया जिसमें नारी सुरक्षा एवं नैतिकता मुख्य विषय रहा है। सभी ने यह तय किया कि हमें विद्यार्थियों में अनुशासन पालन एवं नैतिकता की भावना जागृत करने का प्रयास करते रहना चाहिए। हर रोज कुछ न कुछ नया सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए।