हैदराबाद : हिन्दी विभाग, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग, विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय(स्वा) एवं शासकीय महाविद्यालय सीताफलमंडी, हैदराबाद संयुक्त तत्वावधान में ‘अनुवाद- बदलते परिप्रेक्ष्य और उभरती संभावनाएँ’ विषय पर त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 8 से 10 जनवरी तक उस्मानिया विश्वविद्यालय के आर्ट्स कालेज में किया जा रहा है।
संगोष्ठी के दूसरे दिन पैनल चर्चा, संयुक्त आभासी एवं प्रत्यक्ष मंच द्वारा प्रपत्र समर्पण, विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। चर्चा कार्यक्रम में होमनिधि शर्मा (उपमहाप्रबंध मानव संसाधन- राजभाषा) बीडीएल, एफ एम सलीम, मुख्य संवाददाता डेली हिन्दी मिलाप, डॉ. वेंकटेश्वर राव, सेवा निवृत्त सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) एवं पंकज मेहता, हिन्दी अधिकारी, परमाणु ऊर्जा विभाग ने भाग लिया। चर्चा अत्यंक सार्थक रही है। विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ इस सत्र में भाग लिया।
अगले सत्र में आभासी मंच से चीन से जुड़कर डॉ विकास सिंह, सहायक आचार्य, बेजींग फारेन स्टडीज़ विश्वविदायलय ने चीन और भारतीय भाषाओं के अनुवाद के परिप्रेक्ष्य की रोचक जानकारी दी। टर्की से डॉ. मुहम्मद राशिद, इस्तानबुल विश्वविद्यालय ने भाषा शिक्षण और अनुवाद को अपने तुर्की अनुभवों के माध्यम से व्यक्त किया।
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, उप निदेसक, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, हिन्दी शिक्षण योजना मुम्बई ने कार्यशाला का सफल आयोजन किया। अनुवाद से संबंधित कईं विषयों पर कईं शोध आलेख प्रस्तुत किए गए। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को आखिरी दिवस है।