10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन की याद में वर्ष 2006 से हर वर्ष 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाना प्रारंभ किया गया है। इसका श्रेय पूर्व प्रधान मंत्री दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह को जाता है।
विश्व योग दिवस ने जिस प्रकार विश्व भार में स्वास्थ्य संरक्षण पर एक प्रभंजन सा चेतना लायी है, उसी प्रकार विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन भी विश्वभर के प्रवासी भारतीयों में ही नहीं, हिन्दी और संस्कृत में रुचि रखने वाले विदेशियों में, हिंदी और संस्कृत विभाग स्थापित विदेशी विश्वविद्यालयों में, हिंदी अध्यापन कार्य से जुड़े विदेशी अध्यापकों में, अध्ययन से जुडे विदेशी विद्यार्थियों में, विदेश स्थित विभिन्न हिंदी सेवी संगठनों में विश्व हिन्दी दिवस आयोजन ने चेतना लायी है।
हिंदी भाषा के इस प्रकार के व्यापक फैलाव में केंद्रीय हिंदी संस्थान, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग, राज्यवार हिंदी प्रचार सभाएँ, विद्यालय, विश्वविद्यालय ही नहीं, भारत भर व विश्वभर फैले स्वैच्छिक हिन्दी सेवा संगठनों का विशेष योगदान रहा है। प्रारंभ में केवल संघ सरकार के मुख्यालयों में, हिंदी प्रचार से जुड़े प्रमुख संगठनों में, विदेश स्थित भारत के दूतावासों में विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता था। वर्ष 2001 में मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित होने के पश्चात इस सचिवालय ने विश्व भर में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में विशिष्ट योगदान स्थापित किया है।
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विश्व भर स्थित हिन्दी सेवी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं, संघ सरकार के नियंत्रक कार्यालयों में विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 10 जनवरी को पूर्व की तरह छोटा सा समारोह मनाकर औपचारिकता पूरा करने के बजाय, अब हिंदी में बहुत सारी गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं यथा शिक्षण संस्थाओं में, कार्यालयों में हिन्दी प्रतियोगिताओं का आयोजन, हिंदी संगोष्ठियों का आयोजन, हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के विशेष अंकों व पुस्तकों का प्रकाशन, हिन्दी भाषाविदों को आमंत्रित करना, प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकारों, राजभाषाविदों के वक्तव्यों की व्यवस्था करना, विकसित तकनीकी उपकरणों के सहारे हिन्दी का सुलभतर प्रयोग एवं नवोन्मेषिता पर चर्चा करना, प्रसिद्ध हिंदी सेवियों को सम्मानित करना इत्यादि शामिल है।
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री, विभिन्न मंत्रालयों के राजभाषा विभागों के उच्च पदाधिकारियों, विश्व हिन्दी सचिवालय के सचिव आदि द्वारा संदेश जारी किए जाते हैं। यही नहीं, संघ सरकार के विभिन्न संगठनों के प्रधानों द्वारा भी अपने कर्मियों को प्रेरणा और सद्भावना जागृत करने वाले संदेश जारी किए जाते हैं, इससे हिंदी के प्रगामी प्रयोग में कार्य स्थल में बल मिलता है।
ऑनलाइन प्रणाली की वजह से आजकल वैश्विक स्तर के हिन्दी सेवी संगठनों द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर विभिन्न देशों के हिन्दी भाषाविदों, हिन्दी भाषा प्रेमियों को आमंत्रित कर अंतरराष्ट्रीय हाइब्रिड (भौतिक सह आभासी) हिंदी संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इससे भौतिक और आभासी रूप में उपस्थित कई प्रतिभागियों को हिंदी के प्रसिद्ध भाषाविदों के उद्बोधनों से और उनकी सलाह-सुझाव से प्रेरित होकर हिन्दी के प्रति यथासंभव योगदान देने की इच्छा जागृत होती है।
विश्व भर में हिंदी दिवस का आयोजन हिंदी के विकास के लिए अप्रतिम वरदान माना जा सकता है। हिंदी के बढ़ते विश्व स्तरीय प्रचलन के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अपने प्रमुख कार्यों में हिंदी के प्रयोग को स्थान दिया है। आशा है कि शीघ्र ही हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का स्थान मिलेगा और सरल व सुगम हिंदी भाषा से विश्व लाभान्वित होगा।
डॉ वी वेंकटेश्वर राव
पूर्व सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा)
केनरा बैंक एवं भाषाविद
हैदराबाद
मोबाइल नंबर- 7893339400
dr.raovanama@gmail.com