हैदराबाद: टीआरएस विधायक खरीद-फरोख्त मामला नया-नया मोड़ ले रहा है। आरोपी जमानत के लिए चाहे जितने भी प्रयास कर लें, उसका कोई फायदा नहीं हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और एसीबी स्पेशल कोर्ट ने तीनों आरोपियों को शॉक दिया है। आज किसी भी हाल में जमानत मिलने की आस लगाये बैठे तीनों अभियुक्तों-रामचंद्र भारती, नंदकुमार और सिम्हायाजी को जबरदस्त धक्का लगा। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की और अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। प्रतिवादियों ने कहा कि जमानत याचिका पहले से ही तेलंगाना उच्च न्यायालय में लंबित है। इसके चलते पीठ ने सुनवाई को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
दूसरी ओर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है। मालूम हो कि भाजपा महासचिव प्रेमेंदर रेड्डी ने मामले की जांच पर लगी रोक को हटाने वाली एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, प्रेमेंदर रेड्डी ने अदालत से सीबीआई या एक विशेष जांच एजेंसी से जांच कराने की अपील की। क्योंकि उन्हें तेलंगाना सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है। प्रेमेंदर के वकील ने आज अदालत से मामले की तत्काल जांच कराने की मांग की। इसके चलते हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
नामपल्ली एसीबी स्पेशल कोर्ट ने मामले के तीनों आरोपियों की जमानत देने की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस बीच कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए आरोपी को ट्विस्ट दिया। चूंकि कोर्ट ने कहा कि यह एक हाई-प्रोफाइल मामला है। इसलिए सरकार के वकील ने भी अदालत से गुहार लगाई कि अगर जांच के दौरान आरोपी को जमानत दी जाती है, तो मामले और सबूतों को प्रभावित करने की संभावना है। सरकारी वकील की दलीलों से सहमत होते हुए एसीबी कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। जमानत नहीं मिलने के कारण तीनों आरोपी हमेशा की तरह चंचलगुडा जेल में रिमांड ही रहना होगा।
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दूसरी ओर इस मामले में ए 2 नंदकुमार के खिलाफ बंजारा हिल्स पुलिस ने नामपल्ली कोर्ट में पीटी वारंट दायर किया है। पहले से ही नंदकुमार के खिलाफ दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस ने मामले की जांच के तहत नंदकुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में देने का अनुरोध किया है। इसी बीच दो अन्य पीड़ितों ने नंदकुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज की है कि दग्गुपाटी परिवार से जमीन लीज पर लेकर उस जमीन को अवैध रूप से अन्य लोगों को लीज पर देकर पैसे गबन किया है।