महिलाओं के अधिकारों में ही शामिल है स्वच्छता का अधिकार: हेमेन्द्र कुमार

पहाड़पुर सुधवर में आयोजित हुआ महिला के अधिकारों व स्वच्छता पर विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर

कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश): 27 जनवरी को ग्राम पहाड़पुर सुधवर, चायल, कौशाम्बी के पंचायत भवन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी के तत्वावधान में महिलाओं के अधिकार और स्वच्छता विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधान न्यायाधीश ग्राम न्यायालय हेमेन्द्र कुमार ने भारतीय संविधान में दिए गए अधिकारों, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजनाओं, महिलाओं से संबंधित विभिन्न विशेष कानूनों जैसे घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005; दहेज निषेध अधिनियम, 1961 महिलाओं का अभद्र चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015, बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012, भरण-पोषण से संबंधित प्रावधान और विभिन्न अधिनायमों में महिलाओं से संबंधित उपलब्ध प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि महिलाओं के अधिकारों में स्वच्छता का अधिकार भी शामिल है स्वच्छता का अधिकार, महिलाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और स्वास्थ्यकर वातावरण में रहने का अधिकार देता है। स्वच्छता के लिए महिलाओं के योगदान को देखते हुए, स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं के लिए कई तरह की पहल की शुरूआत की गई है।

शिविर में समाजसेवी डॉ. नरेन्द्र दिवाकर द्वारा जीने के अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, व्यक्तिगत रक्षा का अधिकार, वोट का अधिकार, प्रजनन का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, अपनी भाषा, शैली और संस्कृति के संरक्षण का अधिकार, बिना भेदभाव के शिक्षण संस्थान में प्रवेश का अधिकार तथा विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए प्रदान की जाने निःशुल्क विधिक सहायता, पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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शिविर को संबोधित करते हुए तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सह तहसीलदार चायल पुष्पेन्द्र गौतम ने सरकार द्वारा बच्चों को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति, पीसीपीएनडीटी एक्ट, कन्या सुमंगला योजना, पॉक्सो एक्ट आदि कानूनों में महिलाओं से संबंधित दिए गए प्रावधानों के बारे में बताया और कहा कि आपको कोई भी समस्या हो तो तहसील में बने विधिक सहायता केन्द्र में उपस्थित पीएलवी से मिलकर अपना शिकायती प्रार्थनापत्र देकर भी अपनी समस्या का निस्तारण करवा सकते हैं।

शिविर को चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चायल डाक्टर मुक्तेश्वर द्विवेदी, चिकित्साधिकारीगण डॉ अमित सिंह, डॉ शैलेन्द्र कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शबीना परवीन और डॉ हिना कौशर ने महिलाओं के स्वस्थ संबंधी विभिन्न समस्याओं और उनके इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चायल में महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रत्येक माह की 1, 9 16 और 24 तारीखों को की जाने वाली निःशुल्क जांच, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया आदि बीमारियों, उनसे बचाव के तरीके व टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। अर्श काउंसलर सुनील कुमार ने बच्चों से जुड़ी तमाम मानोसामाजिक समस्याओं व उनके समाधान के उपाय के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं और किशोरियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चायल की ओर से सैनिटरी पैड, आयरन, कैल्शियम व गर्भनिरोधक गोलियां आदि का निःशुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेन्द्र दिवाकर ने किया और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भारत लाल ने अतिथियों और आगंतुकों का आभार माना। शिविर में पीएलवी ममता देवी और कृष्णा कपूर, स्टॉफ नर्स सुधा यादव, एएनएम दीपमाला यादव, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आरती सोनकर, आशा किरण देवी, संगिनी संगीता भारतीय, ऑप्टोमिस्ट श्याम सुंदर, सचिव संदीप सिंह, मनोज कुमार सिंह, अवर अभियंता लघु सिंचाई रमाकांत सिंह, सहायक विकास अधिकारी (आईएसवी) अजय कुमार श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।

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