हैदराबाद : हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच का तृतीय राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हैदराबाद की सुप्रसिद्ध कवयित्री और समीक्षक डॉ. सुषमा देवी ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंजु पाण्डेय (मुम्बई) ने किया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन किया गया। इस मीटिंग आईडी कवि एवं हिंदी अध्यापक उमेश चंद यादव द्वारा प्रस्तुत की गई और तकनीकी सहयोग गंगा पचौरी एवं विजेता शर्मा ने किया। अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती वंदना से की गई। हैदराबाद की हिंदी अध्यापिका श्रीमती गंगा पचौरी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश से श्रीमती रंजीता पाण्डेय द्वारा अध्यक्ष का परिचय दिया गया।
इस कार्यक्रम में हैदराबाद तेलंगाना की मशहूर कवयित्री एवं समीक्षक सुनीता लुल्ला एवं उमेश चंद यादव ने अपनी मधुर आवाज में अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच की ओर से आयोजित तृतीय राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में अनेक राज्यों से साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया और अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर सबका मन जीत लिया। किसी ने वीर रस, तो किसी ने वर्षा की बहार, तो किसी ने माँ, मिट्टी, कारगिल, धीमा बचपन, दोस्ती का धागा, कोरोना, लोकगीत, नारी शक्ति, बैल की जीवनी, हिंदी से प्यार, तो किसी ने बालिकाओं की शक्ति प्रधान विषयक कविताएं सुनाएं।
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साथ ही कवि उमेश चंद यादव, नीलेश जैन शिखा, विशाल कुमार भारद्वाज, उड़ीसा से श्वेता प्रसाद, ललित किशोरी झा, हैदराबाद से गंगा पचौरी, मुम्बई से अंजू पाण्डेय, सौम्या तिवारी, मध्य प्रदेश से रंजीता पाण्डेय, तमिलनाडु से डॉ छाया भदौरिया, छत्तीसगढ़ से विजेता शर्मा और अन्य कवियों ने काव्य रस से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ सुषमा देवी ने सभी का उत्साह बढ़या। इस गोष्ठी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच हिंदी साहित्य का सेवक है। कवियों की काव्य खुशबू से कली को खिला रहा है।
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इस कार्यक्रम में सभी विद्वानों ने प्रेम चंद के साहित्यिक योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। अध्यक्ष ने दो बैलों की कथा और मिट्टी तरकारी तथा गाँव की बातें कर प्रेम चंद के योगदान के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिंदी साहित्य सेवक परिवार के इस पहल की खूब सराहना की गई। उन्होंने आगे बताया कि आगे भी साहित्यिक कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किये जाएंगे।