सलमान खान ने की बॉक्सर निखत की इच्छा पूरी, कहा- ‘बहुत-बहुत बधाई”, स्वर्ण पदक विजेता बोली- “बहुत-बहुत शुक्रिया”

[नोट- बॉक्सर निखत जरीन विश्व विजेता बन जाने की खबर उसी दिन ‘तेलंगाना समाचार’ में छप जाना चाहिए था। मगर ऐसा नहीं हो सका इसका हमें खेद हैं।]

हैदराबाद: निखत जरीन एक एथलीट के रूप में शुरू हुआ उसका खेल कॅरियर धीरे-धीरे बॉक्सिंग में बदलकर विश्व चैंपियन तक पहुंच गया है। इस प्रक्रिया में उसने अनेक अपमानों का सामना किया। लेकिन वह अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सब कुछ बर्दाश्त करते हुए लगन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ती ही गई। कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब हमारी तेलुगु प्रांत की बॉक्सर निखत जरीन विश्व विजेता बन गई। भारत की स्टार बॉक्सर निखत जरीन ने महिला वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतते हुए इतिहास रचा है।

जरीन ने हाल ही में मीडिया से कहा कि मेरे माता-पिता की महत्वाकांक्षा, मेरी दस साल की मेहनत और लंबे इंतजार का प्रमाण ही यह स्वर्ण पदक है। यह पदक उन लोगों के लिए तमाचा है, जिन्होंने मुझे अपमानित किया और नीचा दिखाया। निखत जरीन के नाम के आगे विश्व चैंपियन टैग का शामिल होना मेरे लिए गर्व की बाद है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा दी गई मासिक वित्तीय सहायता, कोच भास्कर और चिरंजीवी सर ‘साई’ द्वारा प्रदान की की गई सहायता अमूल्य है। उन्होंने आगे कहा कि इस मेडल ने जिम्मेदारी और बढ़ा दी। मेरा अगला लक्ष्य आगामी राष्ट्रमंडल खेल है। साथ ही आगामी ओलंपिक में देश को मेडल दिलाना है।

जब से स्वर्ण पदक जीता है तब से निखत सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। हर कोई उनके लिए ट्वीट कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम दिग्गज पॉलिटिशियन और सिलेब्रिटीज ने उनके लिए कुछ न कुछ लिखा और लिख रहे है। हालांकि, बावजूद इसके उनकी इच्छा थी कि सलमान खान उनके लिए कुछ लिखें। उन्होंने कहा कि सलमान खान तो मेरी जान हैं। मैं उनकी बड़ी फैन हूं। मैं सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हूं। मेरी एक चाहत पूरी हो गई है। लेकिन अगर सलमान खान मेरे लिए कुछ लिखें तो यह सोने पर सुहागा होगा। मैं उनसे मिलना चाहती हूं। इसके बाद दबंग खान के तमाम चाहने वालों ने ट्वीट करते हुए सलमान खान से कुछ लिखने की गुजारिश की थी।

अपने चाहने वालों के लिए हमेशा तैयार रहने वाले सलमान ने भी निखत के लिए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “निखत आपको इस गोल्ड मेडल के लिए बहुत-बहुत बधाई।” साथ ही उन्होंने निखत को टैग भी किया। इस पर निखत ने भी जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “एक फैन होने के नाते यह मेरा पसंदीदा सपना था, जो सच हो गया है। मैं कभी विश्वास नहीं कर सकती थी कि सलमान खान मेरे लिए ट्वीट करेंगे। मैं बहुत खुश हूं। मेरी जीत को खास बनाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं इस पल को हमेशा के लिए अपने दिल में सहेज कर रखूंगी।”

गौरतलब है कि निखत इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं। जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले खिताब जीत चुकी हैं।

आपको बता दें कि 25 साल की निखत तेलंगाना में रहने वाले एक साधारण से मुस्लिम परिवार से आती हैं। निखत पर भी हिजाब पहनने के लिए दबाव डाला गया और कहा गया कि मुस्लिम लड़कियां शॉर्ट्स नहीं पहन सकतीं और मर्दों के साथ बॉक्सिंग की प्रैक्टिस नहीं कर सकतीं। लेकिन निखत इस कट्टरवादी विचारधारा से लड़ती रही और आज पूरी दुनिया उनके लिए तालियां बजा रही हैं। निखत का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था और अपनी जिंदगी का पहला मैच भी उन्होंने यहीं पर लड़ा था। ये मैच उस समाज के खिलाफ था, जिसे आज भी ये लगता है कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब में रहना चाहिए और उन्हें शॉर्ट्स पहन कर बॉक्सिंग जैसे खेलों में भाग नहीं लेना चाहिए।

निखत जरीन अपने परिवार के साथ निजामाबाद के जिस इलाके में रहती थीं, वहां के ज्यादातर लोग उनके बॉक्सिंग खेलने के खिलाफ थे। इन लोगों के द्वारा जरीन के माता-पिता को ताने मारे जाते थे और उनसे ये कहा जाता था कि आज अगर वो अपनी लड़की को घर से बाहर खेलने के लिए भेजेंगे तो इससे इलाके का माहौल खराब होगा और वहां रहने वाली दूसरी लड़कियां भी हिजाब पहनने के इस्लामिक तौर तरीकों का विरोध करेंगी।

हालांकि इस रूढ़िवादी सोच का निखत जरीन के परिवार पर कोई असर नहीं पड़ा और 13 साल की उम्र में ही उन्होंन बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी और ट्रेनिंग के दौरान अक्सर ऐसा होता था, जब निखत को पुरुष खिलाड़ियों से रिंग में लड़ना होता था और लोग उनसे ये कहते थे कि वो ऐसा करके ये भूल रही हैं कि वो एक लड़की हैं। लेकिन इन तमाम आलोचनाओं और विरोध के बावजूद निखत के पिता ने उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी। निखत की कहानी बताती है कि सफलता केवल एक राउंड में नहीं मिलती। बल्कि इसके लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ता है और यही संघर्ष फिर आपको विजयी बनाता है।

भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन उम्मीदों पर खरी उतरती हुई गुरुवार को इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं। तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान प्रतिद्वंद्वियों पर दबदबा बनाए रखा और फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को सर्वसम्मत फैसले में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से हराया। इस जीत के साथ 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। (एजेंसियां)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X