हैदराबाद : महाराष्ट्र के बुलढाण जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार का ‘युवा शेतकरी पुरस्कार- 2020’ पाने वाले किसान कैलाश नागरे ने आत्महत्या कर ली है। किसान बीतें कईं दिनों से पानी के लिए लड़ रहे थे। कैलाश नागरे ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। किसान की आत्महत्या के बाद इलाके के लोगों में आक्रोश है। कैलाश नागरे की आत्महत्या के बाद अब सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। नागरे ने होली के त्यौहार के एक दिन पहले यह बड़ा कदम उठाया है।
कैलाश नागरे पिछले कुछ समय से देउलगांवराजा क्षेत्र के किसानों को खड़कपूर्णा जलाशय से पानी के लिए संघर्ष कर रहे थे। हालांकि जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। आत्महत्या कर चुका किसान किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्होंने कृषि क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है और किसानों के लिए कई आंदोलन भी चलाए हैं। वह किसानों की मांगों के लिए लड़ रहा था।
कैलाश ने खड़कपूर्णा जलाशय से पानी पाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी। हालांकि कई विरोध प्रदर्शनों के बावजूद सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं। अंततः जब उसकी मांगें पूरी नहीं हुई तो उसने जहर पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। कैलाश नागरे की आत्महत्या की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में किसान नेता और आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए।
Also Read-
इस घटना पर पुलिस अधिकारी ने बताया कि कैलाश नागरे (42) ने आज सुबह देउलगांवराजा तहसील के शिवनी आरमाल गांव में अपने खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। साथ ही उसने चार पन्नों के सुसाइड नोट में फसल पैदावार में कमी और सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई की कमी का उल्लेख किया है। वह चाहता था कि सरकार खेतों में पानी की सप्लाई की कमी का समाधान निकाले। सुसाइड नोट में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है।
मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि यह घटना मन को झकझोर देने वाली है। कैलाश नागरे की आत्महत्या हृदय विदारक घटना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान अपनी समस्याओं के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। कैलाश नागरे की आत्महत्या के बाद हर कोई काफी सदमे में है। मंत्री माणिकराव कोकाटे भी इस पर घटना पर अपना दुख व्यक्त किया है। (एजेंसियां)