तुलसी एक ऐसा पौधा है जो अपना एक खास और धार्मिक महत्व रखता है। तुलसी को रामबाण औषधि माना जाता है। क्योंकि एक तुलसी से अनेक लाभ होते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्व रखते हैं।
2014 से हर साल 25 दिसंबर को तुलसी दिवस के रूप में यह दिवस मनाया जाने लगा है। वैसे तो तुलसी की पूजा हिंदू परिवार में प्रतिदिन की जाती है। तुलसी का पौधा इतना पवित्र माना जाता है कि बिना नहाए तुलसी को हाथ भी नहीं लगाया जाता। तुलसी के पौधे में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा प्राप्त होती है और हम जानते हैं की ऑक्सीजन हमारे लिए कितना महत्व रखती है। तुलसी के पौधे से मच्छर आदि दूर रहते हैं।
तुलसी के सेवन करने से अनेक बीमारियां दूर होती है। सर्दी, जुकाम, बुखार होने पर तो खासतौर से इसका उपयोग किया जाता है। पेट में होने वाली बीमारियां इससे दूर होती हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल एंटीबायोटिक एंटीफंगल जैसे अनेक गुण पाए जाते हैं। तुलसी में विटामिन ‘ए’ भी पाया जाता है, जो शरीर को स्वस्थ रखता है। कहते हैं ग्रहण के समय तुलसी की कुछ पत्तियां पके हुए खाने में दूध में डालने से उस पर किसी प्रकार की नेगेटिव किरणों का प्रभाव नहीं पड़ता और वह शुद्ध बना रहता है।
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पदम पुराण में यहां तक कहा गया है कि अगर तुलसी के पत्ते से जल टपक रहा हो और उससे स्नान किया जाए तो 10 गोदान का फल प्राप्त होता है। इस प्रकार तुलसी का पौधा घर के आंगन में होने से नकारात्मकता दूर रहती हैं। भूत पिचास आदि निकट नहीं आते। श्राद्ध और यज्ञ में तुलसी का प्रयोग करने से पुण्य प्राप्त होता है। प्राणों का परित्याग होने पर भी तुलसी का पत्ता उसको पाप से मुक्त करता है।
भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाई जाती है और उन्हीं से जुड़े हुए रहस्य तुलसी के हैं। भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय है। उनके भोग में तुलसी का प्रसाद चढ़ाने से और उसका भोग लेने से मन शांत रहता है। तुलसी पौधा आंगन या बालकनी में लगाया जाता है और उसकी नित्य पूजा की जाती है। नित्य दीपक जलाकर रखने से घर में शांति बनी रहती है।
के पी अग्रवाल, हैदराबाद