पिछले कुछ वर्षों में हैदराबाद के हिंदी जगत में तेजी से उभ
Continue Readingकवयित्री मोहिनी गुप्ता की काव्यकृति ‘प्रेम के मोती’ पर प्रो ऋषभदेव शर्मा की भूमिका, जानें लोकार्पण कार्यक्रम का शेड्यूल
‘प्रेम के मोती’ हैदराबाद की बेहद लाड़ली और चर्चित कवयित्�
Continue Readingविश्व हिंदी दिवस पर प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा का छोटा सा मार्मिक संदेश – “विश्व में हिंदी और हिंदी में विश्व”
"विश्वभर में प्रसार की दृष्टि से हिंदी प्रथम स्थान प्राप�
Continue Readingचुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो ऋषभदेव शर्मा का अध्यक्षीय आलेख
[श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति भाग्यनग�
Continue Readingलेखक प्रवीण प्रणव की नई किताब ‘लिए लुकाठी हाथ’ के लिए वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर देवराज के ‘आशीर्वचन’
(ऋषभदेव शर्मा के साहित्य की समीक्षा) लुकाठी के गुणों का �
Continue Readingसामयिक टिप्पणी: 29 नोबेल विजेताओं की मार्मिक अपील, वे सब ‘हमारे बच्चे’ हैं!
[नोट-हमास-इजरायल युद्ध एक भयानक मोड़ ले चुका है। इस युद्ध �
Continue Readingमानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शांति का नोबेल पुरस्कार: “यह है स्त्री संघर्ष की स्वीकृति का जश्न”
[नोट-लेखक के कथनानुसार यदि मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस �
Continue Readingनोबेल पुरस्कार पर विशेष- जॉन फॉसे : अनकही को कह दिया जिसने!
वयोवृद्ध लेखक सलमान रुश्दी के चाहने वालों को भले ही हताश�
Continue Readingडॉ अहिल्या मिश्र के अमृतोत्सव के अवसर पर उन्हें समर्पित विशाल अभिनंदन ग्रंथ “वट वृक्ष की छाँव” में सम्मिलित अभिनंदन आलेख
हिरनी-सी भटकती फिरूँ, नाभि में कस्तूरी! भाषा, साहित्य, सं�
Continue Readingपुस्तक समीक्षा: ‘मुक्ता की परख’
"मुक्ता की परख" लेखक और साहित्यकार प्रवीण प्रणव और अवधेश �
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