केंद्रीय हिंदी संस्थान: तमिलनाडु के तिरूपुर जिले के हिंदी प्रचारकों के लिए पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह संपन्न

हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र पर तमिलनाडु राज्य के तिरूपुर जिले के हिंदी अध्यापकों के लिए आयोजित 448वें ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह ज़ूम मीट के माध्यम से सोमवार को संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो एम ज्ञानम (पूर्व क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, मैसूर केंद्र) उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो बीना शर्मा (निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा) ने की। डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र) इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक रहे हैं।

केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा संस्थान गीत एवं स्वागत गीत सुनाया गया। डॉ. गंगाधर वानोडे ने अतिथियों का स्वागत किया एवं अतिथियों का परिचय दिया। इस पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के कौन-कौन से विषय को पढ़ाया जाएगा इसकी जानकारी दी। इस नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह केंद्रीय हिंदी संस्थान गीत ‘भारत जननि एक हृदय हो’ एवं स्वागत गीत से हुआ।

तमिलनाडु राज्य के तिरूपुर जिले के हिंदी प्रचारकों के अध्यक्ष वी गोविन्दराजू ने बताया कि तिरूपुर जिले में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए लगभग 200 हिंदी प्रचारक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस नवीकरण पाठ्यक्रम के अतिथि अध्यापकों से यह आशा करते हुए कहा कि हमारे हिंदी प्रचारकों को हिंदी भाषा को अच्छी तरह जानने का अवसर प्राप्त करेंगे।

प्रतिभागी बी विजयलक्ष्मी ने कहा कि इस पाठ्यक्रम से हमारी हिंदी व्याकरण की समस्याओं का समाधान किया जाए। हिंदी प्रेमी मंडल, तिरूपुर के कोषाध्यक्ष एल संपत कुमार ने हिंदी प्रचारकों को प्रशिक्षण करने में उत्सुकता दिखाई। मुख्य अतिथि प्रो एम ज्ञानम ने अपने आशीर्वचन देते कहा कि पाठ और व्याकरण से संबंधित हर समस्याओं का समाधान किया जाएगा और उन्होंने हिंदी प्रचारकों को भाषा और व्याकरण के किसी भी विषय पर खुलकर बात रखने पर जोर दिया है। जिससे लेखन एवं उच्चारण में आ रही त्रुटियों को दूर किया जा सके।

अध्यक्षीय भाषण में प्रो बीना शर्मा (निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा) ने कहा कि केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा आज तमिलनाडु राज्य के तिरूपुर जिले के हिंदी प्रचारकों/अध्यापकों के लिए इस कार्यक्रम का पहला दिन है अर्थात् संयोजक महोदय द्वारा आगामी दिनों में आप क्या-क्या करेंगे? आपकों क्या-क्या सिखाया जाएगा? उससे संबंधित जानकारियाँ भी दी गई हैं। आगे उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान किस तरह से रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षा के दौरान अपने वीडियो खुले रखें जिससे पढ़ाने वाले को यह पता चल सके कि हमारे सामने प्रतिभागी उपस्थित है और जो पढ़ा रहे हैं उसका ठीक से लाभ आप सब ले रहें। वीडियो बंद रहने पर पता चलता है कि हम आप से नहीं दीवारों से बात कर रहे हैं। हम आपके चेहरों को देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अध्यापकों की बातों से आपको कुछ समझा की नहीं समझा।

वीडियो खुले रखने में संकोच मत कीजिए। सच है कोई भी व्यक्ति अपने आप में संपूर्ण नहीं होता। ये बहुत छोटी-छोटी चीजें होती हैं। किसी भाषा में अध्यापन करना कोई सरल बात नहीं होती। यदि हिंदी प्रदेश में भी विशेष तमिल क्षेत्र के हिंदी प्रचारक एक बड़ा उद्देश्य यह बता सके कि इस क्षेत्र में अध्यापन करने के लिए कौन-कौन-सी नई अध्ययन विधियाँ, कौन-सी ऐसी शिक्षण पद्धतियां हैं जिन्हें इसका प्रयोग करके आप और आगे आ सकते हैं। आप सभी हिंदी प्रचारक एक ओर आप अपनी कक्षा में जाते हैं और शिष्यों से घिर जाते हैं। बात जब दूसरे के पास पहुँचती ही नहीं है। क्या हमें कक्षा को बताने की विधि मालूम भी है।

अंत में उन्होंने यह प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना आशिर्वचन दिया। अतिथि अध्यापक डॉ श्याम सुंदर ने अपना संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि वे किस-किस विषय पर पाठ्यक्रम के दौरान चर्चा करेंगे। तमिलनाडु राज्य के तिरूपुर जिले के हिंदी प्रचारकों ने उद्घाटन समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 94 हिंदी अध्यापकों ने पंजीकरण किया है।

कार्यक्रम का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद) द्वारा प्रस्तुत किया गया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे के नेतृत्व में यह ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम दिनांक 9 से 20 मई तक प्रातः 10 बजे से अपराह्न 1 बजे तक नियमित रूप से जारी रहेंगे।

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