तेलंगाना सरकार की ग्रुप की नौकरी हासिल करने के लिए वरंगल से हैदराबाद आई मर्री प्रवलिका की आत्महत्या ने केवल तेलंगाना ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया। छात्र संगठन आंदोलन पर उतर आये। लगभग सभी दलों ने मिलकर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया। सत्तापक्ष ने प्रवलिका की मौत पर ऐसी चाल चली सभी देखते ही रह गये। जैसे न रहेगा बाँस न बजे बांसुरी।
वरंगल जिले की प्रवलिका हैदराबाद आई थी। वह चिक्कड़पल्ली थाना क्षेत्र के अशोक नगर के एक छात्रावास में रह रहकर ग्रुप परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। हालांकि, प्रवलिका ने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। प्रवलिका की आत्महत्या के 24 घंटे से भी कम समय के बाद सेंट्रल ज़ोन के डीसीपी वेंकटेश्वरलू ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस की और स्पष्ट किया कि उसने प्रेम प्रसंग के चलते अपनी जान दे दी। प्रवलिका के मोबाइल फोन पर शिवराम राठौड़ नाम के युवक से चैट मिली है। वहीं एक चैनल डिबेट में मंत्री केटीआर ने भी पुलिस का हवाला देते हुए टिप्पणी की कि प्रवलिका ने ग्रुप 2 परीक्षा के लिए आवेदन भी नहीं किया। छात्र संगठन के नेताओं ने सबूत पेश किया कि प्रवलिका ने ग्रुप-1, ग्रुप-2, ग्रुप-3 और ग्रुप-4 की परीक्षा के लिए अपना नाम दर्ज किया है।

कानूनी विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के सवाल
प्रवलिका की आत्महत्या पर कानूनी विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी सवाल कर रहे हैं कि व्यापक जांच होने से पहले वे कैसे कह सकते हैं कि प्रवलिका ने प्रेम-प्रसंग संबंध के कारण आत्महत्या की है। पुलिस का रवैया अनैतिक है और उनकी तत्काल जांच से लड़की की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा भंग हो सकती है और उसके परिवार पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही सुझाव दिया कि पीड़िता के परिवार के सदस्य जिम्मेदार पुलिस के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट से सीबीआई की जांच की मांग भी कर सकते हैं। इन मामलों की जांच 24 घंटे के भीतर पूरी करना असंभव है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर मिले मोबाइल फोन का डाटा प्राप्त करने के लिए उसे फॉरेंसिक लैब में भेजने के साथ ही गूगल को पत्र लिखना होगा। इतना सब होने के बाद डेटा को पुनः प्राप्त करने और हमारे हाथ आने तक कम से कम तीन दिन से एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि प्रवलिका की मौत की जांच पूरी होने से पहले डीसीपी और मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियां उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भंग पहुंचा रही है। यह पूरी तरह से अनैतिक और गैर जिम्मेदाराना है। इस तथ्य को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है कि कानून में विशेष रूप से लड़कियों/महिलाओं के लिए कुछ विशेष सुरक्षाएं प्रदान किये गये हैं। पुलिस द्वारा जारी सुसाइड नोट में कहीं पर भी यह नहीं लिखा कि वह प्रेम-प्रसंग के कारण अपनी जान दे रही है।

ग्रुप परीक्षा की तैयारी करने आई वरंगल (तेलंगाना) की प्रवलिका की आत्महत्या मुद्दा रुकने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस, नेता, संगठन और परिजन के अलग-अलग बयान आये हैं। इसी क्रम में मर्री प्रवलिका की मां विजया और उसके भाई का बयान आया है। उन्होंने मांग की कि प्रवलिका की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति (शिवराम) को फांसी दी जाये। उनके परिवार को अपनी राजनीति में मत घसीटिए। प्रताड़ित न करने की गुहार भी लगाई।
विजया ने आगे बताया, “मैं दो साल से उसकी बेटी प्रवलिका को हैदराबाद में पढ़ रही हूं। मेरा बेटा भी वहीं पढ़ रहा है। हम कड़ी मेहनत करके बच्चों को पढ़ा रहे हैं। हम अपने बच्चों को वहां इसलिए भेजा ताकि भविष्य में हमारी जैसे कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। लेकिन, उसने हमारी बेटी को प्रताड़ित किया। उसकी प्रताड़ना से तंग आकर और हमें बिना बताये ही मेरी बेटी ने फांसी लगा ली। मेरे बेटी के लिए मौत का कारण बने उसे कड़ी से कड़ा सजा दे। मेरे बेटी की तरह मुश्किलें किसी के बेटी को न आये। अगर आपके बीच पार्टियों को लेकर कोई झगड़ा है तो आप देख लीजिए। लेकिन हमारे परिवार को इसमें मत घसीटिए। प्रवलिका की मां विजया ने मांग की कि मेरे बेटी की मौत का कारण उसे मौत की सजा दें।

शिवराम राठौड़
इसी क्रम में प्रवलिका के भाई प्रणय ने साफ किया कि मेरी बहन की आत्महत्या का कारण शिवराम है। उसने मांग की कि अगर हमें न्याय मिलना है तो उसे मौत की सजा दें। कुमार ने न सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि सभी पार्टियों से भी अपील की कि वे हमारे घर न आएं। हमें राजनीति में न घसीटें। मैं अपनी बहन के हॉस्टल से थोड़ा दूर रहता हूँ। मैं पांच मिनट में अपनी बहन के हॉस्टल पहुंच पाता हूं। हम सप्ताह में तीन से चार बार मिलकर बात करते थे। खासकर मेरी बहन प्रवीलिका की मौत का कारण शिवराम है। उसकी मुलाकात एक अन्य लड़की से हुई थी। वह उससे बात नहीं करना चाहती थी, फिर भी उसे फोन करता था और उसे हॉस्टल में आकर सबके सामने परेशान करता था। वह समझ नहीं पा रही थी कि यह परेशानी किसे बताए। आखिरकार वह अवसाद में चली गई और आत्महत्या कर ली। अब मेरी बहन को न्याय दिलाना है तो वह जहां भी है उसे गिरफ्तार करे और फांसी की सजा दें या मुठभेड़ कर दें।
प्रवलिका के पिता लिंगय्या ने कहा…
प्रवलिका के पिता लिंगय्या ने कहा कि प्रवलिका ने आत्महत्या करने से कुछ मिनट पहले उनसे बात की थी। उसने कहा कि उसे दुख है कि ग्रुप 2 की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। प्रवलिका की आत्महत्या के दो दिन बाद भी उसके परिवार वालों ने कहीं भी शिवराम राठौड़ का नाम नहीं लिया। सुसाइड नोट में न तो उसका नाम और न ही उसके प्रेम संबंध का जिक्र है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह नोट प्रवलिका ने लिखा है। ऐसे में प्रवालिका की मां और भाई का तीन दिन के अंदर अपनी बात बदल देना कई संदेह पैदा करता है।
गौरतलब है कि वरंगल जिले के दुग्गोंडी मंडल के बिक्काजीपल्ली गांव निवासी प्रवलिका ने गणित में स्नातक की डिग्री पूरी की थी। वह दो साल पहले सरकारी नौकरी पाने के लिए हैदराबाद आई और प्रतियोगी (ग्रुप) परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। इसी क्रम में ग्रुप 1, 2, 3, 4 ग्रुप परीक्षा के लिए आवेदन किया। इसी क्रम में 2 और 3 नवंबर को होने वाली ग्रुप 2 की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। पिछले शुक्रवार यानी 13 अक्टूबर की रात को उसने इसी बात को लेकर अपने पिता लिंगय्या को फोन किया। पिता के साथ फोन करने की रात को उसने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। प्रवलिका के आत्महत्या से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। बेरोजगारों ने प्रवलिका की आत्महत्या को सरकार की हत्या बताते हुए कड़ी आलोचना की है।

प्रवलिका के आत्महत्या के 24 घंटे से भी कम समय में सेंट्रल ज़ोन के डीसीपी वेंकटेश्वरलू ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस की और घोषणा की कि प्रवलिका की आत्महत्या का कारण प्रेम प्रसंग रहा है। बताया कि कोस्गी इलाके के शिवराम राठौड़ ने उसे धोखा देकर दूसरी युवती से सगाई कर ली थी। इसलिए प्रवलिका ने अपनी जान दे दी। प्रवलिका के मोबाइल फोन में प्रेम प्रतीकों वाली व्हाट्सएप चैट हैं। उसका मोबाइल फोन लॉक नहीं था। इसीलिए वह इन चैट्स को देख पाये। इससे कई लोगों में संदेह पैदा हो गया।
आजकल हर कोई फोन को लॉक लगा रहे हैं। कई लोगों को संदेह है कि हॉस्टल के कमरे में कुछ अन्य लोगों के साथ रहने वाली प्रवलिका ने अपने मोबाइल पर लॉक क्यों नहीं लगाया। इसके अलावा, डीसीपी वेंकटेश्वरलू ने कहा कि उन्होंने व्हाट्सएप चैट देखा है और उस सेल फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजेंगे और पूरा डेटा प्राप्त करेंगे। इस बारे में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन का डेटा प्राप्त करने में तीन से एक सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में प्रवालिका के आत्महत्या के 24 घंटे बीतने से पहले ही पुलिस ने शिवराम राठौड़ को उसकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताना घोर अन्याय है।

प्रवलिका का सुसाइड नोट
प्रवलिका ने सुसाइड नोट में लिखा है- “मैं बहुत दरिद्र हूं। मेरे कारण तुम सदैव दुःख भोगते आ रहे है। मत रो माँ। सावधान रहना। मैं तुम्हें पाकर भाग्यशाली हूं मां। आपने मुझे मेरे पैरों को जमीन पर रखने नहीं दिया। आपके साथ बहुत अन्याय कर रही हूं। मुझे कोई माफ नहीं करेगा। मैं आपके लिए कुछ नहीं कर पाई हूँ। प्रणय…माता-पिता की अच्छी देखभाल करना।” इसके अलावा कहीं पर भी प्रेम प्रसंग का उल्लेख है और न ही शिवराम राठौड़ के नाम का जिक्र है।
आत्महत्या के पहले दिन प्रवालिका की मां और भाई की बातें और तीसरे दिन जारी किए गए वीडियो के बयान मेल नहीं खाते। बेरोजगार युवकों और विपक्ष का आरोप है कि उनके बयान बदलने के पीछे सत्ता पक्ष और पुलिस का हाथ है। आलोचना की जा रही है कि यह सब डैमेज कंट्रोल के तहत किया जा रहा है। वे सवाल कर रहे हैं कि प्रवलिका की आत्महत्या के 24 घंटे के भीतर पुलिस को जल्दबाजी में मीडिया कॉन्फ्रेंस करके प्रवलिका की आत्महत्या को प्रेम प्रसंग बताने की क्या जरूरत थी।

इसी बीच सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई है कि पुलिस को प्रवलिका की मां विजया और छोटे भाई प्रणय को प्रगति भवन लाने के निर्देश भेजे गए हैं। मंगलवार सुबह विजया और प्रणय अपने गांव बिक्काजीपल्ली से गायब हो गए। इस संबंध में ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने कहा कि वे अस्पताल जाने की बात कहकर गये हैं। हालांकि, आशंका व्यक्त की गई है कि पुलिस ने ही उन्हें गांव से दूर ले गई।
अब तक की जांच में शिवराम राठौड़ पर संदेह जताया गया है। लेकिन इस बात की कहीं भी पुष्टि नहीं हुई है कि प्रवलिका ने उसकी वजह से आत्महत्या की है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवलिका की मां विजया और उसके छोटे भाई प्रणय का ताजा वीडियो में शिवराम राठौड़ को फांसी देने या मुठभेड़ करने की मांग करना पूरी तरह से निरर्थक है। प्रवलिका की मां विजया और छोटे भाई प्रणय की मांग शिवराम राठौड़ को फांसी देने या मुठभेड़ करने का हाल ही में जारी वीडियो पूरी तरह से निरर्थक है।

आशंका जताई जा रही है कि यह सब चुनाव के दौरान चल रहे इस सियासी शतरंज के खेल में शिवराम राठौड़ की बलि का बकरा बनाया जा रहा है। चिक्कडपल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रवलिका आत्महत्या मामले में शिवराम राठौड़ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 417 और 306 के तहत मामला दर्ज किया। उसकी तलाश की जा रही है। बताया गया है कि पुलिस उसकी तलाश करने पुलिस कोस्गी गये।
माता-पिता और भाई के पहले दिन के बयान
प्रवलिका की मां विजया ने बेटी के बातों को याद करते हुए पहले दिन कहा था– “सरकारी नौकरी हासिल करूंगी। सभी परीक्षाएं लिखकर आऊंगी। ग्रुप 4 की परीक्षा लिखी और अच्छे परिणाण के लिए तीन दिन तक उपवास किया। इस दौरान उसे बुखार भी आया। उसके बाद गांव आई और हैदराबाद जाने के लिए निकली तो हमने मना किया। लेकिन वह नहीं मानी। उसने बताया कि गांधी अस्पताल में काम करे तो 18,000 रुपये वेतन मिलेगा कहकर चली गई। उसकी नौकरी का सत्यानाश हो।

प्रवलिका के भाई प्रणय ने पहले दिन कहा था– “मेरी बहन ने सरकारी नौकरी पाने के उद्देश्य से पढ़ाई की। ग्रुप 2 की परीक्षा के लिए जमकर तैयारी की। उसी समय परीक्षाएँ स्थगित कर दी गईं और वह बहुत निराश और उदास हो गई। इसी क्रम में उसने अपनी जान ले ली।”
ताजा बयान
ताजा वीडियो में विजया ने कहा- “मेरा बेटी को दो साल से हैदराबाद में पढ़ रही हूं। शिवराम ने मेरी बेटी को प्रताड़ित किया। इसे सहन न कर पाने के कारण मेरी बेटी ने फांसी लगा ली। इसके लिए जिम्मेदार शिवराम को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उसे फाँसी होनी चाहिए। हमें राजनीति में मत घसीटो।”
प्रणय ने कहा- “शिवराम ने मेरी बड़ी बहन को गंभीर उत्पीड़न का शिकार बनाया। न चाहते हुए भी वह फोन करता था। वह हॉस्टल के पास आकर सबके सामने परेशान करता था। उसकी प्रताड़ना को किसी को नहीं बता पाई। मेरी बहन गंभीर अवसाद के कारण आत्महत्या कर ली। शिवराम को फाँसी की सजा दें या एनकाउंटर में मार देना चाहिए।”
हाल ही में प्रवलिका के परिवार के सदस्य बुधवार को मंत्री केटीआर से मुलाकात की। प्रवलिका के परिवार सदस्यों ने मंत्री केटीआर से प्रवलिका की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार शिवराम को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह किया। मंत्री केटीआर ने कहा कि प्रवलिका की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रवलिका के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त किया। मंत्री ने कहा कि घटना की सारी जानकारी उन्हें डीजीपी के माध्यम से मिली है। प्रवलिका की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को सजा दी जाएगी। प्रवलिका के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी। मंत्री केटीआर प्रवलिका के परिवार वालों को आश्वासन दिया है कि वह उनके भाई को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
जस्टिस चंद्रकुमार बयान

जस्टिस चंद्रकुमार ने कहा कि प्रवलिका की आत्महत्या के लिए तेलंगाना सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। प्रवलिका की आत्महत्या के बारे में दुष्प्रचार कर रही बीआरएस सरकार को हटाना चाहिए। तेलंगाना राज्य लोकतांत्रिक मंच के नेतृत्व में बुधवार को सोमाजीगुड़ा प्रेस क्लब में एक गोलमेज बैठक चंद्रकुमार ने यह बात कही।
इसी बीच शिवराम राठोड़ के परिवार के सदस्यों ने उसके ठिकाने का खुलासा करने के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। साथ ही शिकायत की कि शिवराम के ठिकाने के बारे में जानकारी देने के लिए बार-बार पुलिस स्टेशन बुलाया जा रहा है। शिवराम का पता न बताने पर एनकाउंटर करने की धमकी दे रहे है। अगर उन्हें शिवराम के बारे में कुछ भी पता चलेगा तो वे तुरंत पुलिस को बताएंगे। शिवराम के रिश्तेदार संतोष राठौड़ ने अपने परिवार के सदस्यों को चिक्कडपल्ली पुलिस से बचाने के लिए एचआरसी से गुहार लगाई है।
इसी बीच प्रवलिका आत्महत्या मामले में आरोपी शिवराम राठौड़ ने शुक्रवार को नामपल्ली कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने खुलासा किया था कि प्रवलिका ने शिवराम की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या की थी। आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप का सामना कर रहे शिवराम राठौड़ ने नामपल्ली अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने के बाद कस्टडी रिमांड मांगने पर भी विचार कर रही है। अगर शिवराम से पूछताछ की जाए तो प्रवालिका मामले से जुड़ी और भी बातें सामने आने की संभावना है।
कुल मिलाकर प्रवलिका की मौत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारा कानून अंधा होता है और सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। फिर भी सवाल उठता है कि क्या पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकार ने नौकरी देने से मृतक प्रवलिका को न्याय मिला है? अब तक जो कुछ घटनाक्रम हुआ क्या वह सही है? इतना बड़ा लोकतंत्र देश हमें क्या सीख देता है? छात्र संगठनों का आंदोलन, नेताओं की मांग और प्रवलिका की ग्रुप परीक्षा की तैयारी क्या व्यर्थ हो जाएंगे? इन सवालों का जवाब आज नहीं तो कल और किसी न किसी को देना ही होगा।