हैदराबाद : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें टीवी के जरिये जानकारी मिली कि उन्हें देश के सर्वोच्च पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है। मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें ओडिशा के सभी दलों के सांसदों और विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। क्योंकि वह ओडिशा की बेटी हैं। जनजातीय नेता से राज्यपाल तक का सफर तय करने वाली मुर्मू ने कहा, “मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं।”
मुर्मू ने रायरंगपुर में अपने निवास पर मीडिया से कहा, “मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं। मयूरभंज जिले से आने वाली एक आदिवासी महिला के रूप में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने आदिवासी महिला का चयन करके बीजेपी के नारे ‘सबका साथ सबका विश्वास’ को सिद्ध कर दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें बीजू जनता दल (बीजेडी) का समर्थन मिलेगा, मुर्मू ने कहा, “मुझे आशा है कि ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त होगा।” राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में बीजेडी के पास 2.8 प्रतिशत से ज्यादा मत हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस प्रदेश की बेटी हूं। मुझे एक ओड़िया होने के नाते सबसे यह अनुरोध करने का अधिकार है कि मेरा समर्थन करें।”
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राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू ने कहा, “मुझे इस अवसर की आशा नहीं थी। मैं पड़ोसी राज्य झारखंड की राज्यपाल बनने के बाद छह साल से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रही थी। आशा करती हूं सभी मेरा साथ देंगे।” दूसरी ओर द्रौपदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उनके पैतृक मयूरभंज जिले में खुशी का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
गौरतलब है कि संथाल समुदाय में जन्मी मुर्मू (64) ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरूआत 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के सदस्य के रूप में की थी और आगे बढ़ते-बढ़ते साल 2000 में बीजेडी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री बनीं। 2015 में झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक रह चुकीं मुर्मू 2009 में उस वक्त भी अपनी सीट से जीती थीं जब बीजेडी ने चुनाव से कुछ ही सप्ताह पहले बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। इस चुनाव में बीजेडी को भारी जीत मिली थी।
इसी क्रम में बारगढ़ से बीजेपी सांसद सुरेश पुजारी ने कहा, “आदिवासी महिला को राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाने के पार्टी के फैसले से हम सभी बहुत खुश हैं। ऐसी पहली बार हुआ है कि इस धरती की बेटी को इस पद के लिए चुना जाएगा।” आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री बिशीस्वर तुदु ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। क्योंकि मुर्मू मेरे लोकसभा क्षेत्र और मेरे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।” (एजेंसियां)