गडचिरोली में हथियार छोड़ने वाले या सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर चुके मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू दादा ने हाल ही में अपने साथियों के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया है। यह संदेश सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस संदेश में कितना दम (?) है। यह जानने और पहचानने के लिए तेलंगाना समाचार के पाठकों के लिए प्रकाशित कर रहे हैं।
साथियों पहले मैं आप तमाम लोगों को अभिवादन पेश करता हूं। 16 सितंबर को मैंने पहली बार हथियारबंद संघर्ष का विराम प्रकट करते हुए स्टेटमेंट जारी किया था और उसके बाद गडचिरोली के माड और पूर्व बस्तर के साथियों ने भी वहां से हथियारबंद संघर्ष को छोड़ने का निर्णय पर वे लोग भी स्टेटमेंट जारी किए हैं। मैं महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 60 कामरडों के साथ मैंने हथियार छोड़ दिया था। वे लोग भी हथियार छोड़े हैं। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में साथियों ने छत्तीसगढ़ में अपने हथियार छोड़ दिए हैं। इसी बीच में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी केंद्रीय कमेटी के सदस्य चंद्रन्ना तेलंगाना में पुनर्वास के लिए आये है।
इन तमाम साथियों को मैं अभिवादन पेश करता हूं। हम इस देश में लंबे समय से कई वर्षों से काम करते आ रहे हैं। इसमें कई साथियों को हम खो गए हैं। आज हम बाहर आने का मतलब यह है कि बदल रहे परिस्थितियों का एक संकेत होता है। इसलिए आज हम हथियारबन संघर्ष को छोड़कर जनता के बीच में आए हैं और जनता के बीच में ही काम करने का निर्णय लिए है। हम जिस साथियों को खो गए हैं उन साथियों के चलते हम यह बदलाव को समझना जरूरी है।
आज भी देश में कई साथी इलाका और सत्ता को अपनाने के लिए उसे रास्ते पर हथियारबंद संघर्ष में डटे हुए हैं और यह तो हम समझना है कि इस रास्ते पर चलते हुए ही हम जनता से दूर हुए हैं यह उसे रास्ता का विफलता को दर्शाता है। लेकिन हमारे सीसी तमाम बदलाव को पहचान रही है लेकिन हमारे संघर्ष पर बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं है। यह उसकी कठमूलाबाद तारिक को दर्शाता है। इसलिए देश के कोने-कोने में काम कर रहे हमारे साथियों उनसे मेरी अनुरोध है कि आप तमाम लोग हथियारबंद संघर्ष पर हम आगे नहीं बढ़ेंगे करके हम जो समझे हैं। आपके सामने रख रहे हैं। इस पर आप लोग भी निर्णय लेकर हथियार छोड़कर जनता के बीच में आकर काम करने के लिए मैं विनती कर रहा हूं।
हम हथियार छोड़ने पर कुछ लोगों ने हमें निंदा करते हुए अलग-अलग प्रकार का दुष्प्रचार कर रहा है। गद्दार नहीं तो कोवर्ट ऐसा शब्दों का प्रयोग करते हुए निंदा कर रहा है। इसका मैं सरासर खंडन करता हूं। मेरे से पहले काम रूपेश ने भी बहुत विस्तार से इस पर बात किए हैं। इसलिए मैं दोबारा उसमें जाना नहीं चाहता हूं। आज परिस्थितियों बदल गया है। इसलिए मैं आप तमाम साथियों से अनुरोध कर रहा हूं कि आप हथियार छोड़कर जनता के बीच में लिए कानून के तौर पर हम जनता के बीच में रहते हुए काम करेंगे।
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और इसी अवसर पर मैं तमाम देश के बुद्धिजीवियों और जनवादी प्रेमियों और मुख्य रूप से आदिवासी हितैशियों से अनुरोध कर रहा हूं कि हम जो निर्णय लिए हैं इस निर्णय को आप समझिए और हमारा समर्थन कीजिए जिन लोगों ने हथियार छोड़कर आने के लिए तैयार है जिन लोगों ने जनता के बीच में काम करने के लिए तैयार है।
आप लोग मेरा संपर्क करने के लिए यह नंबर मैं बता रहा हूं। इस नंबर पर कांटेक्ट करने से आपका हम आपका राय जान सकते हैं। आप आ सकते हैं। मेरा नंबर है 8856038533 और एक बार में दौरा रहा हूं 8856038533 और इसके साथ-साथ आप रूपेश का नंबर पर भी आपका राय बता सकते हैं। इसलिए रूपेश का नंबर पर भी आपका राय बता सकते हैं और आ सकते हैं। उनका नंबर 626 7138163 है। धन्यवाद।
