हैदराबाद : डॉ बीआर अम्बेडकर ओपन युनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में सार्वजनिक सामाजिक मंच ‘ओपन सोशल फोरम’ के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में तेलुगु दैनिक आंध्रज्योति के संपादक डॉ के श्रीनिवास ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। संपादक ने ‘आजादी के बाद मानवाधिकार’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।
श्रीनिवास ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि एक लोकतंत्र देश में शासकों द्वारा दिये/किये गये आश्वासनों के बारे में सवाल करने की स्थिति में हम नहीं है। चुनाव के दौरान बीजेपी सत्ता में आती है तो हर खाते में 15 लाख रुपये जमा करने के आश्वासन दिया था, मगर आज हम इस बारे में पूछने की स्थिति में नहीं हैं। लोकतांत्रिक इस देश में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया के नाम पर कुछ समूहों पर हो रहे हमले की निंदा की। हाल ही घटित अनेक घटनाओं का संपादक ने हवाला दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के सीतारामराव ने कहा कि “सार्वजनिक संवाद कार्यक्रम” एक ऐतिहासिक आवश्यकता है। मेरा मानना है कि ओपन सोशल फोरम दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है। साथ ही मानव अधिकारों की आवश्यकता के बारे में विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये। प्रमुख समाजसेवी और राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर जी हरगोपाल, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वीएस प्रसाद, समाजशास्त्र विभाग के डीन प्रोफेसर घंटा चक्रपाणी और मंच के संचालक डॉ गुंटी रवींदर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
वक्ताओँ ने इस मंच की आवश्यकता और उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। विश्वास व्यक्त किया डॉ बीआर अंबेडकर युनिवर्सिटी आने वाले दिनों में आम जनता के लिए मानवाधिकार विषय ‘ओपन सोशल फोरम’ अधिक उपयोगी साबित होगी। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के डीन, संकाय, अध्यापकेतर कर्मचारी, शोध छात्र और अन्य ने भाग लिया।