मिधानि में हिंदी कार्यशाला, डॉ बी बालाजी ने दिये हिंदी टंकण के बेसिक टिप्स और आपने…

हैदराबाद: भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के निर्देशों के अनुसरण में भारत के रक्षा उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) द्वारा अपनी राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में कर्मचारियों के लिए 14 नवंबर को एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला तीन सत्रों में संचालित हुई।

आरंभ में डॉ. बी. बालाजी, प्रबंधक (हिंदी अनुभाग एवं निगम संचार), मिधानि ने कार्यशाला के प्रतिभागियों का स्वागत किया और हिंदी कार्यशाला के आयोजन की अनिवार्यता तथा उद्देश्य को स्पष्ट किया। कार्यशाला के सत्रों का परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि कार्यशाला में राजभाषा नीति, राजभाषा कार्यान्वयन में कंप्यूटर की भूमिका, कंप्यूटर पर हिंदी टंकण के बेसिक टिप्स सहित प्रशासनिक शब्दावली जैसे विषयों पर व्याख्यान होंगे। उन्होंने प्रथम सत्र में कंप्यूटर पर हिंदी टंकण के बेसिक टिप्स विषय पर व्याख्यान दिया।

द्वितीय सत्र में हिंदी शिक्षण योजना, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के सहायक निदेशक (से.नि.) मु. कमालुद्दीन ने कार्यालयीन कामकाज में प्रयुक्त प्रशासनिक शब्दावली विषय पर व्याख्यान दिया। विभिन्न प्रशासनिक शब्दावली के निर्माण पर चर्चा करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को शब्दों की उत्पत्ति की रोचक जानकारी दी। प्रशासनिक शब्दावली के अनुप्रोयग के विभिन्न संदर्भों से प्रतिभागियों को न केवल परिचित कराय बल्कि शब्दावली के प्रयोग का अभ्यास भी कराया। तृतीय सत्र में आईआरडीएआई के हिंदी अधिकारी रवि रंजन ने “राजभाषा के रूप में सरकारी कामकाज में हिंदी की भूमिका और कर्मचारियों का दायित्व” विषय पर व्याख्यान दिया।

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उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान प्रतिभागियों से भारत संघ की भाषा नीति से संबद्ध राजभाषा अधिनियम, 1963 की धाराओं व राजभाषा नियम 1976 के अंतर्गत बने नियमों के संबंध में चर्चा की। अपने व्याख्यान के दौरान राजभाषा के रूप में हिंदी के चयन पर अपने विचार रखते हुए बड़े ही रोचक ढंग से राजभाषा कार्यान्वयन में कर्मचारियों की भूमिका को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारी के सहयोग से ही राजभाषा कार्यान्वयन सुचारु रूप से हो सकता है। इसीलिए राजभाषा कार्यान्वयन में उनके सक्रियता आवश्यकता और महत्व है।

रवि रंजन ने कर्मचारी को अपने दैनिक कामकाज में राजभाषा के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, राजभाषा संबंधी लक्ष्यों पर चर्चा की। उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान राजभाषा के छह प्रकार के हितधारकों की चर्चा की- (1) केंद्र सरकार के मंत्रालय / विभाग / कार्यालय / कर्मचारी, (2) संसदीय राजभाषा समिति, (3) भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग (4) संबंधित मंत्रालय व हिंदी सलाहकार समिति, (5) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां और (6) हिंदी से जुडी स्वयं सेवी संस्थाएं।

कार्यशाला के सफल आयोजन में हिंदी विभाग की श्रीमती डी रत्नाकुमारी, कनिष्ठ कार्यपालक (एनयूएस) का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यशाला का समापन प्रतिभागियों द्वारा राजभाषा में कार्य करने हेतु शपथ से हुआ।

Hindi Workshop Concludes at MIDHANI

Hyderabad: In compliance with the directives of the Government of India, Ministry of Home Affairs, Department of Official Language, Mishra Dhatu Nigam Limited (MIDHANI), a defence undertaking, organized a one-day Hindi workshop for its employees. The workshop was held on 14th November 2024 under the aegis of the Official Language Implementation Committee. The event was conducted in three sessions.

The workshop began with a welcome address by Dr. B. Balaji, Manager (Hindi Section and Corporate Communication), MIDHANI. Dr. Balaji outlined the purpose and importance of the workshop and introduced the various sessions. He emphasized the significance of promoting Hindi in official work, in line with the Official Language Policy. The topics covered in the workshop included the Official Language Policy, the role of computers in official language implementation, basic tips for Hindi typing, and the use of administrative terminology.

In the first session, Dr. Balaji delivered a lecture on “Basic Tips for Hindi Typing on the Computer.” He provided practical advice on how to improve typing speed and accuracy while using Hindi in digital platforms.

The second session featured a lecture by Md. Kamaluddin, Assistant Director (Retd.), Hindi Teaching Scheme, Official Language Department, Ministry of Home Affairs. He focused on administrative terminology used in government offices. He discussed the evolution of various administrative terms and their practical applications in official work. The session also included an interactive segment where participants practiced using these terms.

In the third session, Ravi Ranjan, Hindi Officer at IRDAI, delivered a lecture on the topic, “The Role of Hindi in Government Work as the Official Language and the Responsibility of Employees.” He explained the provisions of the Official Language Act, 1963, and the Official Language Rules, 1976, and their implications for government employees. Ravi emphasized the critical role of employees in the successful implementation of the official language policy and stressed that cooperation and active participation were essential for the smooth functioning of the policy.

He also discussed the six key stakeholders involved in the promotion of Hindi as the official language: 1. Central Government Ministries/Departments/Offices/Employees , 2. Parliamentary Official Language Committee, 3. Government of India, Ministry of Home Affairs, Department of Official Language,  4. Relevant Ministries and the Hindi Advisory Committee, 5. City Official Language Implementation Committees and 6. NGOs involved in promoting Hindi 

Mrs. D. Ratnakumari, Junior Executive (NUS) from the Hindi Department, played an active role in the successful organization of the workshop. The workshop concluded with the participants taking an oath to use Hindi in their official work, reaffirming their commitment to the implementation of the official language policy.

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