केंद्रीय हिंदी संस्थान: भव्य रूप से मनाया गया हिंदी दिवस, वक्ताओं ने दिया भाषा के उज्ज्वल भविष्य पर यह संदेश

हैदराबाद: केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) में वर्धा जिला (महाराष्ट्र) के हिंदी अध्यापकों के हिंदी प्रशिक्षण के लिए आयोजित नवीकरण पाठ्यक्रम के दौरान 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने की। अतिथि के रूप में डॉ सी कामेश्वरि तथा डॉ. विनीता कृष्णा सिन्हा उपस्थित थीं।

इस दौरान हिंदी अध्यापक प्रतिभागियों ने हिंदी भाषा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कुछ प्रतिभागियों ने स्वरचित कविता पाठ किया। कुछ प्रतिभागियों ने स्वरबद्ध कविता पाठ किया। डॉ सी कामेश्वरि ने हिंदी में कार्य करने के विविध आयामों तथा तकनीकी के क्षेत्र में हिंदी के पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ विनीता कृष्णा सिन्हा ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी भारत के बाहर विश्व में अपना स्थान बना चुकी है।

क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा द्वारा बार-बार किए गए निवेदन के आधार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सन् 1953 से 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप मनाने की घोषणा की। तब से आज तक हर संपूर्ण भारत में केंद्र सरकार, राज्य सरकार के कार्यालयों, सरकारी, गैरसरकारी शैक्षणिक संस्थानों, हिंदी की प्रचार-प्रसार संस्थाओं में ‘हिंदी दिवस’ मनाया जा रहा है।

हिंदी में कार्य करने वालों की संख्या बढ़ गई है। विदेशी विद्यार्थी भी भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा तथा उसके दिल्ली केंद्र पर हर वर्ष हिंदी सीखने के लिए प्रवेश लेते हैं। विश्व भर में हिंदी समझने, सुने बोलने, पढ़ने तथा लिखने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है। हिंदी देश-विदेश में सामाजिक, सांस्कृतिक सौहार्द निर्माण करने का कार्य कर रही है। विश्व स्तर पर व्यापार तथा तकनीकी के क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग हो रहा है। हिंदी का भविष्य उज्जवल है।

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