राष्ट्रीय एकता दिवस भव्य आयोजन, केसीआर ने सभी तेलंगाना योद्धाओं को किया नमन

हैदराबाद: तेलंगाना सरकार की ओर से राष्ट्रीय एकता दिवस पब्लिक गार्डन्स में भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्रीय एकता वज्रोत्सवम के मौके पर आज उन दिनों के सभी वीर योद्धाओं को याद करना हमारा कर्तव्य है। तेलंगाना राष्ट्रीय एकता वज्रोत्सवम समारोह के अंतर्गत केसीआर ने पब्लिक गार्डन्स में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके बाद केसीआर ने जनता को संबोधित किया।

सीएम केसीआर ने कहा कि उस दिन के अद्भुत क्षण देश की जनता को हमेशा प्रकाश देते रहेंगे। यह यादें लगातार तेलंगाना समाज को मार्गदर्शन करते रहेंगे। दुनिया के तमाम संघर्षों में देखा जाये तो कुछ लोग इसका नेतृत्व करते हुए पाये जाते हैं। तेलंगाना में भी उस दिन कई लोगों ने संघर्ष/युद्ध किया और कुछ लोगों ने युद्ध का नेतृत्व किया छा। कुछ लोगों ने सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को प्रज्वलित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेलंगाना राष्ट्रीय एकता वज्रोत्सवम उत्सव के अवसर पर उन सभी वीर योद्धाओं याद करना हमारा कर्तव्य है।

केसीआर कहा कि जल जंगल जमीं के लिए आदिलाबाद में दहाड़ने वाले आदिवासी योद्धा कोमाराम भीम के साहसिक कार्य को याद करते हैं। अपनी सैकड़ों एकड़ जमीन गरीब लोगों को दान देने वाले रावि नारायण रेड्डी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। स्वामी रामानंद तीर्थ को याद करते हैं जिन्होंने लोकमान्य बालगंगाधर तिलक से प्रेरित होकर राजनीति में प्रवेश किया और हैदराबाद राज्य में कांग्रेस की स्थापना की और पीवी नरसिम्हा राव जैसे कई नेताओं को प्रशिक्षित किया। आइए सरदार जमलापुरम केशव राव और वट्टिकोटा आलवार स्वामी के प्रयासों की प्रशंसा करते है, जिन्होंने एक यज्ञ के रूप में तेलंगाना के गांवों में पुस्तकालय स्थापित करने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और कठोर जेल की सजा काटी। आइए हम भू संघर्ष को प्रेरित करने वालीवीर वनिता चाकली ऐलम्मा याद करते है और भीम रेड्डी नरसिम्हा रेड्डी को याद करते है जिन्होंने अपनी सैकड़ों एकड़ जमीन गरीबों को बांट दी।

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आइए हम जनगांव के रूप में जाने वाले नल्ला नरसिम्हुलु के बलिदानों को याद करते हैं। धर्म भिक्षम गौड़ को याद करते हैं जिन्होंने जीवन भर उत्पीड़ित लोगों की आवाज बने ताड़ी तासकों की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वीर योद्धा आरुट्ला रामचंद्र रेड्डी और उनकी पत्नी कमलादेवी को याद करते है जिन्होंने जनसंघर्ष के सिपाही बने थे। देवुलपल्ली वेंकटेश्वर राव ने न केवल संघर्ष में भाग लिया, बल्कि उस संघर्ष के इतिहास अक्षरबद्ध किया। आइए हम सांसद और विधायक के रूप में निम्न वर्गों के कल्याण के लिए अतुलनीय सेवाएं प्रदान करने वाले बद्दम एल्लारेड्डी की चेतना को याद करते हैं।

प्रतिबंधों का विरोध करने वाले अक्षर चैतन्य मूर्ति सुरवरम प्रताप रेड्डी, प्रजाकवि कालोजी नारायण राव, मगदूम मोहिउद्दीन, शोयबुल्लाह खान, बंडी यादगिरी, दाशरथी कृष्णमाचार्य और सुद्दाला हनुमंतु की रचना कार्यों में उत्साह और उत्तेजना को याद कर करते है। ऐसे कई महान लोग हैं जिन्होंने तेलंगाना के समाज में अद्भुत राजनीतिक और सामाजिक चेतना को प्रज्वलित किया और अपने बलिदानों से इतिहास को रोशन किया। केसीआर ने कहा कि मैं उन सभी के उज्ज्वल स्मृति के आगे सिर झुकाकर नमन करता हूं।

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