हैदराबाद/नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली विधानसभा चुनाव में किंग मेकर बनने की तैयारी में है। चर्चा है कि पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी 10-12 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली AIMIM अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकते हैं। AIMIM मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव लड़ने की योजना कर चुकी है। पार्टी का कहना है कि वह BJP को हराने वाली किसी भी पार्टी का समर्थन करेगी। हालांकि दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट देने पर विवाद भी है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत देखाने की पूरी कोशिश में है। अभी तक सिर्फ दो उम्मीदवारों के नाम घोषित की गई हैं। मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन और ओखला से जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शफूर रहमान चुनाव लड़ेंगे। बाकी उम्मीदवारों के नाम जल्द ही घोषित होने की उम्मीद है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली इकाई के साथ मिलकर उम्मीदवारों का चयन करने जुटे हैं।
दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव लड़ने पर AIMIM ज़ोर दे रही है। इनमें बाबरपुर, बल्लीमारान, चांदनी चौक, ओखला, जंगपुरा, सदर बाजार, मटिया महल, करावल नगर और सीलमपुर शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर सीटों पर पिछले दो बार से AAP का कब्जा है। सिर्फ करावल नगर सीट BJP के पास है। अगर AIMIM जंगपुरा से उम्मीदवार उतारती है, तो उसका मुकाबला AAP के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से होगा। इस सीट पर BJP ने तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस ने फरहाद सूरी को टिकट दिया है।
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इसी क्र में AIMIM के दिल्ली प्रमुख शोएब जमाई ने कहा कि पार्टी किंगमेकर बन सकती है। उन्होंने कहा कि AIMIM उस पार्टी का समर्थन करेगी जो BJP को हराए और भविष्य में भी हरा सकती है। 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट देने पर सवाल उठ रहे हैं। इस पर जमाई ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। दूसरी पार्टियां भी ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही हैं जो जेल गए हैं। आखिरकार, यह जनता तय करती है कि उनका प्रतिनिधि कौन होगा। हम उन लोगों की आवाज़ उठाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें दबाया गया है।
गौरतलब है कि ताहिर हुसैन पर 2020 के दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया। आरोप लगने के बाद AAP ने उनसे नाता तोड़ लिया था। हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ एक FIR रद्द कर दी थी। AIMIM ने पिछले नगर निगम चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली और मुस्लिम बहुल इलाकों में कुछ वार्डों से चुनाव लड़ा था। ओवैसी ने दिल्ली में प्रचार भी किया था, लेकिन पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में छोटे दलों का अब तक कोई खास प्रभाव नहीं रहा है। यह चुनाव मुख्य रूप से AAP और BJP के बीच होता रहा है। तीसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार घट रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 4 फीसदी वोट मिले थे। इस बार AIMIM की एंट्री से चुनाव और दिलचस्प हो सकता है।
आपको बता दे कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होगी, जबकि 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं। वहीं बीजेपी को महज 8 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस का लगातार दूसरी बार दिल्ली से सफाया हो गया था। इस बार चुनाव से कुछ समय पहले अरविंद केजरीवाल ने अपने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद आतिशी मार्लेना राज्य की सीएम बनी है। (एजेंसियां)