Crime News: साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी सफलता, 10 हजार करोड़ साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार

आज का विचार
कोई मूल्य तब मूल्यवान है जब मूल्य का मूल्य स्वंय के लिए मूल्यवान हो। – स्वामी दयानंद सरस्वती

हैदराबाद : शहर की साइबर क्राइम पुलिस ने निवेश के नाम पर 10 हजार करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है। इस रकम को चीन भेजने वाले हवाला गिरोह को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। 10 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें दो चीनी नागरिक, तीन हैदराबाद निवासी और पांच अन्य को मुंबई और दिल्ली से गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार गिरोह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 1.91 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं। साथ ही 17 सेल फोन, लैपटॉप और दो पासपोर्ट जब्त किए गए। पुलिस ने पाया कि निवेश के नाम पर देश भर में करीब 10 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इसमें से 903 करोड़ रुपये चीन को ट्रांसफर किए गए। बंजारा हिल्स में कमांड कंट्रोल सेंटर में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में सीपी सीवी आनंद के साथ संयुक्त सीपी एआर श्रीनिवास, गजराव भूपाल और एसीपी केवीएम प्रसाद ने इसका खुलासा किया गया। उन्होंने कहा कि हमने देश के सबसे बड़े फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है।

ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी

चीन के पेई और जाहुयान 2019 से दो साल से दिल्ली में रहे हैं। ताइवान के चू चुन यू दिल्ली के करोल बाग में सेल फोन की दुकान चलाता थे। उसने स्थानीय निवासी और चीनी भाषा जानने वाले वीरेंद्र सिंह और संजय कुमार यादव से संपर्क किया। इसके बाद Xindai Technologies Pvt Ltd और Betank Network Pvt Ltd कंपनियों को पंजीकृत किया।

इसके लिए वीरेंद्र सिंह और संजय कुमार को निदेशक के रूप में नियुक्त किया। उनके साथ दो बैंक खाते खोले गए। ऑनलाइन निवेश के नाम पर पैसे का लेन-देन जैसे सेटअप किया गया। ऐप बनाने के बाद, उन्हें लिंक सर्कुलेशन और मनी ट्रांसफर पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद पेई और ज़हुयान वापस चीन चले गए। वही से पूरा संचालन शुरू कर दिया।

हवाला के जरिए विदेश

फ्राड रकम को 100 से अधिक खातों से दिल्ली स्थित रंजन मनी कॉर्प और केडीएस फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड विदेशी मुद्रा को स्थानांतरित किया गया। भारतीय रुपये को डॉलर में बदलकर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए चीन भेजा गया। सात महीने में रंजन कॉर्प से 441 करोड़ रुपये और केडीएस से 38 दिनों में चीन को 462 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके लिए दिल्ली निवासी साहिल, सनी उर्फ ​​पंकज और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर हवाला पैसा को विदेश भेद दिया। पुलिस को आशंका है कि देश भर में डेढ़ साल में करीब 10 हजार करोड़ रुपये फ्राड किया है।

64 खातों से लेनदेन

उन्होंने संजय कुमार द्वारा खोले गए खातों को चीन के लिझानौ कंपनी को दे दिया। वीरेंद्र सिंह और संजय कुमार के साथ दुबई में इमरान नाम के शख्स के साथ करंट अकाउंट खोला। इमरान से परिचित हैदराबाद के सैयद सुल्तान, मिर्जानदीम बेग और मोहम्मद फरवेज के खाते खोले गए। प्रत्येक खाता खोलने के लिए 1 लाख रुपये का कमीशन लिया गया। कुल 64 बैंक खाते खोले गये। इसके साथ लिंक किए गए सिम कार्ड कोरियर के माध्यम से कंबोडिया भेजे गये। वर्चुअल खातों के साथ ऑनलाइन ऐप्स बनाये गये। कंबोडिया से निवेश धोखाधड़ी में लिंक ऐप और बैंक खाते संचालित किये। ओटीपी से पैसे ट्रांसफर किए गए। संजय कुमार द्वारा दिये गये हर खाता को 1.2 लाख और खाताधारकों को हर लेनदेन पर 0.2 प्रतिशत कमीशन दिया गया।

ऐसे पकड़े गये

तारनाका निवासी पीड़ित को 2 महीने पहले व्हाट्सएप में लोक्साम नाम के साथ एक निवेश ऐप का लिंक आया। इसमें संदेश था कि अगर आप 1,000 रुपये से निवेश करेंगे तो आपको दोगुना मुनाफा होगा। ग्रुप में जोड़ा और निवेश के बारे में पोस्टिंग किया। उसी ग्रुप में विभिन्न नंबरों से उसे भारी मुनाफा मिलने के बारे में सूचित किया गया। इसके चलते पीड़ित व्यक्ति ने पहले 2 हजार रुपये जमा किये।

पैसे निकालने की संभावना नहीं

इस क्रम में वर्चुअल अकाउंट के जरिए पीड़ित को बताया गया कि उसका पैसा दोगुना हो गया है। इस तरह कुल 1.6 लाख रुपये पीड़ित से वसूल किए गए। चूंकि पैसे निकालने की कोई संभावना नहीं थी। पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुआ है और उसने सिटी साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने जिन खातों में राशि ट्रांसफर की गई, उसके आधार पर जांच आरंभ की। चीन निवासी लिझानौ और चुचुन शेल कंपनियों के निदेशक वीरेंद्र सिंह और संजय यादव को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई। दिल्ली में विदेशी मुद्रा के प्रबंधक नवनीत कौशिक, हैदराबाद से मोहम्मद फरवेज, सैयद सुल्तान और मिर्जा नदीम बेग को गिरफ्तार किया गया।

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