केंद्रीय हिंदी संस्थान: 476वें नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन, प्रो. वानोडे ने अध्यापकों को दिया यह गुरु मंत्र

हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा तेलंगाना के सरस्वती विद्यापीठम् के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए 25 सितंबर से 8 अक्टूबर तक आयोजित 476वें नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। सरस्वती वंदना राजश्री एवं समूह ने की। स्वागत गीत के. कला, संस्थान गीत राजश्री और श्रीमती पी. कल्पना एवं समूह द्वारा प्रस्तुत किया गया। अतिथियों का परिचय सी. एच. कृष्णमूर्ति ने किया।

इस समापन समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में श्री सरस्वती विद्यापीठम्, खैरताबाद, हैदराबाद, तेलंगाना के संगठन मंत्री श्रीनिवासराव पतकमूरि उपस्थित थे। साथ ही पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक व कार्यालय अधीक्षक डॉ. एस. राधा भी मंच पर उपस्थित थे। इस पाठ्यक्रम में कुल 14 (महिला-07, पुरुष-07) प्रतिभागी अध्यापकों ने नियमित उपस्थित रहकर पाठ्यक्रम पूर्ण किया।

पाठ्यक्रम के दौरान प्रो. गंगाधर वानोडे के साथ-साथ डॉ. फत्ताराम नायक, डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र, डॉ. कामेश्वरी, डॉ. संध्यादास, डॉ. सुरेश कुमार मिश्र, डॉ. श्याम सुंदर ने अध्यापन कार्य किया तथा डॉ. मोहम्मद कमालुद्दीन एवं डॉ. प्रियदर्शिनी ने विशेष व्याख्यान दिया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. वानोडे ने प्रतिभागियों को कहा कि आपने इतने कम समय में जो ज्ञान प्राप्त किया है उसे अपने विद्यार्थियों के बीच में फैलाएँगे ऐसा मेरा विश्वास है। हमें सुनना, बोलना, पढ़ना एवं लिखना इन चार स्तंभ पर अधिक ध्यान देना जरूरी है। आप सभी हिंदी अध्यापक अपनी कक्षा में अधिक से अधिक हिंदी में वार्तालाप करें। मुख्य अतिथि श्रीनिवासराव पतकमूरि ने कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्रभाषा है वह हमारी संस्कृति की रक्षा करती है। भाषा हमारी संस्कृति को बचाती है, हमारी संस्कृति बड़ी ही समृद्ध रही है। अगर बच्चों को राष्ट्रप्रेम संस्कृति सिखाना है तो हमें हिंदी भाषा को अपनाना होगा।

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पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक ने सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ प्रेषित की। इस अवसर पर 476वें नवीकरण पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों द्वारा हस्तलिखित पत्रिका ‘हंस वाहिनी साहित्य दर्पण’ का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। इस नवीकरण पाठ्यक्रम के दौरान लिए गए पर परीक्षण का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें प्रथम स्थान जंगमे सुधाकर, द्वितीय स्थान टी. दीपिका, तृतीय स्थान सुकन्या दुबे तथा प्रोत्साहन पुरस्कार के. मणिकेश्वरी ने प्राप्त किया। अतिथियों द्वारा प्रमाण-पत्र वितरण किए गए।

कार्यक्रम संचालन प्रतिभागी अध्यापक जंगमे सुधाकर ने किया। पाठ्यक्रम प्रतिवेदन प्रतिभागी अध्यापक विलक्षण विभू ने प्रस्तुत किया। ‘स्वरचित कविता’ पाठ रमेश डोंगरे, जंगमे सुधाकर ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘कुचीपुड़ी’ नृत्य श्रीमती डी. राजश्री ने प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन तथा आभार श्रीमती सुकन्या दुबे ने दिया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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