विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को कंप्यूटर और डिजिटल साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें कंप्यूटर की मूल बातें सिखाना है। कंप्यूटर आधुनिक युग की एक सर्वव्यापी तकनीक है। बिना कंप्यूटर के आज जीवन संभव ही नहीं माना जा सकता। कुछ वर्षों पहले जिसे हम जानते भी नहीं थे। आज वह हमारे जीवन का अहम हिस्सा हो गया है। अगर एक दिन भी यह सिस्टम फेल हो जाए तो सारे कार्य ठप्प हो जाते हैं।
कंप्यूटर को हिन्दी में संगणक कहते हैं। साथ ही ‘तेज़ कैलकुलेटर’ भी कहा जाता है। यह संग्रहीत तथ्यों को तेज़ी और सटीकता से कर देता है। इस बार कंप्यूटर साक्षरता दिवस 2024 की थीम है- “द बिग थ्री कंप्यूटिंग एडवांस” है। अर्थात नई पीढी को प्रेरित करना, युवाओं में कंप्यूटर के प्रति रुचि पैदा करना, नवाचार के बारे में जानकारी देना, कंप्यूटिंग तकलीफ की महत्वपूर्ण उपलब्धियां का सम्मान करना और तकनीकी विकास को प्रोत्साहन देना है। 2023 की थीम थीं-“परिवर्तनशील दुनिया के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना”।
आजकल पूरा जमाना ही कंप्यूटराइज्ड हो गया है। आम जनता तो केवल कंप्यूटराइज सॉफ्टवेयर को प्रयोग करना जानते हैं। वैसे तो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, जिसमें डाटा सेव रहता है और कई जगह डाटा बदलने की अनुमति भी होती है। यह विस्तृत विषय है। हम लोग तो सिर्फ मोबाइल, टीवी आदि के माध्यम से इसका प्रयोग करते हैं। यह एक बहुत विशाल तकनीक दुनिया के लिए चमत्कार है। सारी मशीनें कंप्यूटराइज्ड होती हैं, जिसे हम रोजाना प्रयोग करते हैं। जैसे वाशिंग मशीन, मिक्सी ग्राइंडर, सफाई करने वाले रोबोट, मोबाइल फोन, जिम में उपयोग होने वाली मशीनें, इलेक्ट्रिक रेल गाड़ियां, मेट्रो, कारे और न जाने क्या-क्या चीज है जिनको गिनाना भी मुश्किल है।
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जिनका ज्यादा प्रयोग हो रहा है। इसका ज्ञान तकनीकी, हार्डवेयर के लिए विशेष केंद्र हैं। इसीलिए आजकल कंप्यूटर साक्षरता बिना किसी को साक्षर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जो प्रचलित जीवन की आवश्यकताओं से जुड़ी हुई वस्तुएं हैं, उनका प्रयोग बिना कंप्यूटर जानकारी के प्रयोग करना अत्यंत मुश्किल है अब मोबाइल फोन ही ले लीजिए सबके पास हैं, लेकिन सभी उसका अच्छी तरह से प्रयोग करना नहीं जानते हैं और वे उसमें भरी हुई जानकारी का सही प्रकार से प्रयोग ना करके सिर्फ कुछ व्हाट्सएप फेसबुक पर वीडियो देख लेते है या बात कर लेते है या वीडियो कॉल कर लेते हैं। लेकिन और भी बहुत सी जानकारियां हैं, जिनमें उन्हें आवश्यकता है, वह नहीं जानते है।
आजकल तो आश्चर्य की बात यह है कि मोबाइल से ही अपना धन संबंधी लेना देना संभव हो गया है। मोबाइल तो एक कैश बैंक की तरह हो गया है। आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। बस कुछ जानकारी आपको हो तो आप भुगतान कर सकते है। इसी संदर्भ में कंप्यूटर साक्षरता दिवस की शुरुआत 2001 से हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर की शिक्षा देना, महिलाओं और बच्चों को भी तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देना, इसके उत्पादन एवं मरम्मत, स्टोरेज आदि के बारे में जानकारी देना शामिल है। हर क्षेत्र में कंप्यूटर को इस्तेमाल करने और तकनीकी ज्ञान देने के लिए शिक्षक तैयार करना जरूरी है। भारत में कंप्यूटरों का उपयोग 1970 के दशक से प्रारंभ होने लगा हा। पहला स्वदेशी कंप्यूटर 1980 में “सिद्धार्थ” विकसित किया गया। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया था। जो 16 अगस्त 1986 को मुख्य डाकघर बैंगलोर में लगया गया था।
1990 में इंटरनेट चालू हो गया और तेजी से कार्य करने लगा। इसके बाद कंप्यूटरों का प्रयोग करना जबरदस्त तरीके से प्रारंभ हो गया। अधिकांशत लोग इसके ज्ञान से अनभिज्ञ थे, तकनीकी ज्ञान देने के लिए शिक्षक तैयार किए गए और फिर कंप्यूटर का फैलाव हर क्षेत्र में होने लगा है। इससे कार्य करना आसान हो गया। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में इसकी मांग बढ़ने लगी तो तकनीकी ज्ञान ले चुके लोगों ने कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को कंप्यूटर का ज्ञान देना प्रारंभ कर दिया। कंप्यूटर कोर्स सीखने के केंद्र खुलने लगे, जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी सीखने लगें। हमको भली भांति ज्ञात है कि 2002 में समय की बहुत बड़ी बचत होने लगी और कम लोगों के साथ भी कार्य आसानी से होने लगा। जिनको कंप्यूटर नहीं आता था वह तो कहने लगे कि हम तो अनपढ़ हैं। हम इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते। शिक्षा प्राप्त महिलाएं अनेक महिलाओं एवं बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर की शिक्षा देने लगी।
कोविड महामारी में तो कंप्यूटर से कार्य करने वाले अधिकांश कर्मचारी घर से ही कार्य करने लगे। आजकल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर कार्यरत कर्मचारी घर से ही कार्य करते हैं । इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है। उनका जीवनस्तर भी ऊंचा उठा है। साथ में उनका विदेश में भी अपनी सेवा देने का अवसर मिला तो उन्होंने परिवारजनों को भी विदेश की सैर कराई और अपने परिवारों को खुश कर दिया। एक सर्वेक्षण के अनुसार आजकल 2 लाख से ऊपर प्रतिदिन कंप्यूटर बिकते हैं। आज की पीढ़ी को कंप्यूटर का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि हर क्षेत्र में आजकल कंप्यूटर से कार्य हो रहा है कंप्यूटर का ज्ञान नहीं होगा तो कार्य करना मुश्किल हो जाएगा और अच्छी नौकरी भी नहीं मिल पाएगी।
आजकल नई पीढ़ी को देखकर महिलाओं ने इस क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। अनेक शिक्षित आईटी क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं । भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी नीट ने 20वीं वर्षगांठ पर विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस दिवस मनाने की शुरुआत की है। आजकल कंप्यूटर हर क्षेत्र में बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा रहा है। इससे कार्य तोआसान हो गया है। साथ-साथ मनोरंजन के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। साथ ही कहीं आना जाना गूगल मैप के जरिए बहुत आसान हो गया। कंप्यूटर के साथ इंटरनेट का होना बहुत ही आवश्यक है। इन दोनों का चोली दामन का साथ है। आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर से कोई भी जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
के पी अग्रवाल हैदराबाद