हैदराबाद : साइबराबाद पुलिस आयुक्त पूर्व वीसी सज्जनार दूसरे दिन ‘दिशा’ मुठभेड़ मामले की जांच कर रही न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर आयोग के सामने पेश हुए। सज्जानर ने आयोग बताया कि उन्हें इस बात का पता नहीं कि ‘दिशा’ के आरोपी मोहम्मद आरिफ, जोल्लू शिवा, जोल्ललू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलू में से आरिफ को छोड़कर तीनों जुवेनैल्स (किशोर) हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 5 दिसंबर 2019 को रात के समय रवि गेस्ट हाउस में पूछताछ करने का सुझाव मैंने नहीं दिया है।
पता चला है कि आयोग के सामने पेश हुए सज्जनर से मुठभेड़ के बारे में अनेक सीधे सवाल पूछे गये। आयोग ने सवाल किया कि मीडिया ने आपको एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बताया है। क्या आप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं? वास्तव में मुठभेड़ विशेषज्ञ का क्या मतलब है? सज्जनर ने आयोग को जवाब दिया कि उन्हें नहीं पता कि नकाउंटर स्पेशलिस्ट (मुठभेड़ विशेषज्ञ) का क्या मतलब होता है।
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यह भी पता चला है कि सज्जनर से यह भी पूछा गया कि क्या आप हर विषय को लेकर नीचले कर्मचारियों पर निर्भर रहते है? सज्जनार ने आयोग को बताया कि जमीनी स्तर के कर्मचारियों के पास पूरी जानकारी होती है और इसलिए वह उन्हें पूरी तरह से छूट देते हैं। घटना वाले दिन एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में देरी के बारे में पूछे जाने पर सीपी ने माना कि हां कुछ देरी हुई है। इसी लिए देरी के कारण बने स्टाफ को निलंबित कर दिया गया।
आयोग ने सज्जनार से यह भी सवाल किया कि मुठभेड़ कितने बजे हुई? इसकी आपको जानकारी कब मिली? प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कुर्सियां और मेजें कैसे और कहां से मंगवाई गई। सज्जनर ने आयोग को बताया कि उन्हें सुबह 6.20 बजे मुठभेड़ कि जानकारी मिली। मैं तुरंत मौके पर गया। सज्जनार आयोग के सवाल के जवाब में बताया कि किसी को परेशानी न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए करीब 300 मीटर की दूरी पर मीडिया कांफ्रेंस की गई। शादनगर पुलिस द्वारा कुर्सियां और मेजें लाई गई थीं। दिशा मामले को लेकर 5.16 घंटे तक पूछताछ के गये आयोग के कुल 160 सवालों का जवाब सज्जनार ने दिया है।