हृदय हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है। वह धड़कता है और रक्त कोशिकाओं के माध्यम से रक्त भेजता है। ताकि वह सही प्रकार कार्य करता रहे। इसके लिए आवश्यक है कि शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ हो और रहे। लोगों को हृदय की जोखिम को कम करने के लिए एवं उसकी बीमारियों से बचाव और इलाज के लिए जागरूक करने के लिए विश्व हृदय दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस हर वर्ष 29 सितंबर को मनाया जाता है।
विश्व हृदय दिवस दुनिया में प्रथम बार 24 सितंबर 2000 को मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी लूना ने एक रिपोर्ट बनाई और इसी रिपोर्ट के आधार पर विश्व हृदय दिवस मनाने का फैसला लिया गया। वर्ष 2014 से इसकी तारीख 29 सितंबर कर दी गई थी। इस वर्ष की थीम है- (ऑक्सीमेड की थीम) “एबीसीडी – एनी बॉडी कैन डाई” है, जो हृदय रोग से उत्पन्न सार्वभौमिक जोखिम की एक शक्तिशाली याद दिलाती है। 2023 की थीम ‘यूज हार्ट, नो हार्ट’ ‘हृदय का उपयोग करें और हृदय को जानें ‘ 2022 की थीम “विश्व हृदय दिवस का इतिहास।”
आजकल के खानपान एवं तनावपूर्ण जीवन में कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है। इसमें खासतौर से शराब का सेवन धूम्रपान और अपने प्रति स्वास्थ्य पर ध्यान ना देने के कारण हृदय रोग पनप रहे हैं। जो युवा और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रहे हैं। अनेक बार तो देखा गया है कि डांस करते हुए एक्सरसाइज करते हुए हृदय गति रुक जाती है। अनेक बार दिल के दौरे एवं स्ट्रोक आ जाने पर जरा सी भी परेशानी होने पर उसके प्रति लापरवाही कितनी बड़ी समस्या पैदा कर सकती है।
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इस बात का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है और मनुष्य अपने काम में व्यस्त रहने के कारण इस बात पर ध्यान नहीं देता। जब की आवश्यकता इस बात की है कि हृदय के प्रति सावधानी रखी जाए तथा तनाव से दूर रहा जाए। जहां उच्च रक्तचाप, मधुमेह बीमारी भी हृदय रोगों को जन्म देती है। इसके लिए सावधान रहकर इससे बचा जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई, स्टेंट, ऑपरेशन समय-समय पर करा कर अपने दिल को सही रखा जा सकता है। स्वस्थ रहने के लिए सलाह दी जाती है कि प्रतिदिन टहला जाए, व्यायाम करें योग करें और अपनी जिंदगी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित रूप से कार्य करें। ताजी सब्जियां फल का सेवन करें। धूम्रपान का सेवन ना किया जाए एवं भरपूर नींद ली जाए। समय-समय पर हृदय की जांच कराई जाए।
इस दिन अनेक अस्पतालों द्वारा ह्रदय जांच शिविर लगाए जाते हैं। इनमें हृदय जांच के साथ-साथ उन्हें आवश्यक जानकारी भी दी जाती। वही मैराथन एवं वॉक आयोजित किए जाते हैं। समय समय पर सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। जिसमें भाग लेकर हृदय को भली प्रकार रखने के जानकारी दी जाती है। लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है। हर व्यक्ति को इसका लाभ उठाना चाहिए।
के पी अग्रवाल