कौशाम्बी में ‘विधान से समाधान’ कार्यक्रम का आयोजन, इन अधिकारियों ने दिये ये सुझाव

कौशाम्बी (डॉ नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट) : राष्ट्रीय महिला आयोग एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी के तत्त्वावधान में महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए “विधान से समाधान” कार्यकम के अन्तर्गत ब्लॉक स्तर पर महिलाओं के हितार्थ विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ब्लॉक सभागार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, तहसील सिराथू जनपद कौशाम्बी में किया गया।

श्रीमती ममता कश्यप, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, कौशाम्बी ने कानूनी जानकारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को कानूनों के तहत प्रदान किए गए बुनियादी अधिकारों और उपायों की जानकारी होनी चाहिए, जिससे वे वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। सी. डी. पी. ओ. सिराथू मनोज कुमार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बैंकिंग कारस्पेाडेंट सखी, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, प्राधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पेाषण मिशन आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

उप मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ के डी सिंह ने कहा कि महिलाएं स्वावलंबी होने की दिशा में तेजी से अग्रसर हैं। महिलाएं स्वावलंबी हों इसके लिए उनका स्वस्थ रहना जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। श्रीमती अंशु त्रिपाठी, पैनल अधिवक्ता ने बताया कि महिला अपने कानूनी और अन्य अधिकारों, समाज में अपनी स्थिति और अपनी समस्याओं के समाधान के बारे में अनभिज्ञ हैं। इसीलिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकारण के सहयोग से विधान से समाधान कार्यक्रम चला रही है।

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पैनल अधिवक्ता अजमेरी लाल धुरिया ने महिलाओं से संबंधित कानून के बारे में विस्तारपूर्वक से जानकारी दी। इसके साथ ही टेली लॉ के बारे में भी जानकारी दी गई। खंड शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार सिंह बताया कि महिला कल्याण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मातृ शक्ति हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिराथू डॉ. अवचित्य सिंह ने कहा कि आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां महिलाओं की भागीदारी न हो इससे यह साबित होता है कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।

महिला थाना एस. ओ. नीलम राघव ने कहा कि महिलाओं को अपने विधिक अधिकारों को जानना चाहिए। जिससे वो अपने आपको किसी भी प्रकार के शोषण से बचा सकें। उन्होंने साइबर अपराधों के प्रति सजग और सतर्क रहने की बात भी कही। तहसीलदार सिराथू विनय कुमार सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे स्वयं भी जागरुक बनें और इसके साथ ही अन्य लोगों में भी विधिक जागरूकता पैदा करें।

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