हैदराबाद: निजामाबाद जिले के बोधन शहर में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित किये जाने के दौरान हुए दंगों से पूरे तेलंगाना में हड़कंप मच गया। पुलिस ने कहा कि जांच और गुप्तचर विभागों की तहकीकात से खुलासा हुआ है कि शिव सेना के नेता गोपी किशन के अलावा बोधन नगर अध्यक्ष पद्मा के पति और 35-वार्ड के टीआरएस पार्षद शरत रेड्डी का प्रतिमा स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके चलते पुलिस ने शरत रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। उधर बोधन एसीपी रामा राव ने कहा कि इस मामले में उनका नाम सामने आने के बाद से शरत रेड्डी फरार है।
उन्होंने यह भी बताया कि विवाद का कारण बनी शिवाजी की प्रतिमा को महाराष्ट्र के नांदेड़ में बनाया गया और 15 दिन पहले बोधन लाया गया। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि शरत रेड्डी ने शिवाजी की प्रतिमा को अपनी चावल मिल में छिपाकर रखा था।
शरत रेड्डी ने मूर्ति को शिवसेना के जिला अध्यक्ष गोपी किशन को शिवाजी की प्रतिमा को सौंप दिया और आदेश दिया कि बिना किसी को बताये अंबेडकर सेंटर में प्रतिमा को स्थापित किया जाये। दोनों ने योजना बनाई कि प्रतिमा को रात के समय में अंबेडकर सेंटर लाया जाये।
इस मामले में ए-1 गोपीकिशन को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर रिमांड भेज चुकी है। दूसरी ओर शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए अंबेडकर केंद्र के साथ शहर के मुख्य इलकों में पुलिस पिकेट तैनात किया गया है।