हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र द्वारा तेलंगाना के गुरुकुल विद्यालय के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए 471वाँ नवीकरण पाठ्यक्रम 24 जून से 6 जुलाई तक हैदराबाद केंद्र पर आयोजित किया गया। इस पाठ्यक्रम में कुल 49 (21 महिला, 28 पुरुष) ने नियमित रूप से भाग लिया। इस पाठ्यक्रम के संयोजक केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे तथा पाठ्यक्रम प्रभारी सह-आचार्य डॉ. फत्ताराम नायक रहे।
इस पाठ्यक्रम के दौरान पाठ्यक्रम के संयोजक क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर गंगाधर वानोडे के साथ सह-आचार्य डॉ. फत्ताराम नायक, अतिथि अध्यापक डॉ. पंकज सिंह यादव तथा बाह्य विद्वान डॉ. कामेश्वरी, डॉ. राजीव कुमार सिंह ने अध्यापन कार्य किया। इसके अलावा डॉ. वी. वेंकटेश्वर राव एवं डॉ. संध्या दास विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।

शनिवार को कार्यक्रम का समापन समारोह संपन्न हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने की आभासी माध्यम से उपस्थित होकर। मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी ज्योतिबा फुले (गुरुकुल), तेलंगाना सरकार, तेलंगाना के पूर्व प्राचार्य वी. रमण मूर्ति, विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी महाविद्यालय, हैदराबाद के पूर्व प्राचार्य डॉ. सुरभि दत्त, आत्मीय अतिथि गुरुकुल विद्यालय के संयुक्त सचिव डॉ. जी. तिरुपति, पाठ्यक्रम संयोजक केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे, पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक, डॉ. एस. राधा, विदेशी शोधार्थी अलीना ख़लग़ाथियान तथा मोहम्मद फदीम जलान्द भी मंच पर उपस्थित रहे।

मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा प्रतिभागी अध्यापिका अनीता व वनिता के द्वारा गणेश वंदना व सरस्वती वदंना की गई तथा अतिथियों के आगमन पर पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान किया। स्वागत गीत वी. अन्नपूर्णा, परवीन, श्रीलता व अनिता के द्वारा गाया गया तथा अतिथियों का परिचय तथा स्वागत उद्बोधन डॉ. फत्ताराम नायक ने दिया। इन 12 दिवस के कार्यक्रम के अनुभव व मंतव्य प्रतिभागी अध्यापक सी. मेहता व लखन तिवारी ने साझा किए।

इस अवसर पर प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि शिक्षक आजीवन विद्यार्थी होता है। उसे नई भाषा प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी को सीखते रहना चाहिए। इस शिविर के माध्यम से जो ज्ञानार्जन हुआ है तथा आपके भीतरी गुणों का जो विकास हुआ है उसे अपने विद्यार्थियों के बीच साझा करें और देश के सच्चे नागरीक तैयार करें।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. गंगाधर वानोडे ने अपने वक्तव्य में कहा कि एक शिक्षक को चाहिए की वह मनोरंजन के माध्यम से कक्षा में हिंदी के प्रति छात्रों की रूची पैदा करें तथा अपने विषय को रोचक बनाए, ताकि छात्रों में अध्ययन के प्रति लगाव उत्पन्न हो सके। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई दी।

विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरभि दत्त ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक को हमेशा तीन बातें ध्यान में रखनी चाहिए ‘लगे रहो, पूछते रहो, सावधान रहो’ तथा अपने छात्रों में भी इन गुणों को विकसित करें। आत्मीय अतिथि डॉ. जी. तिरुपति ने कहा कि गुरुकुल सोसायटी के शिक्षकों के लिए यह गर्व का विषय है कि केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा संचालित इस नवीकरण पाठ्यक्रम का हिस्सा बने। इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षक के लिए लाभकारी होते हैं।

मुख्य अतिथि वी. रमण मूर्ति ने कहा कि हमें मानक हिंदी का अभ्यास करना चाहिए। आपको कक्षा में हिंदी का वातावरण बनाना चाहिए। ऐसे कार्यक्रम हमें नई शिक्षा देते हैं। संस्थान से उनका पुराना नाता है जो उन्हें यहाँ खींच लाता है। केंद्र की कार्यालय अधीक्षक डॉ. एस. राधा ने अपने वक्तव्य में कहा कि छात्रों को सही शिक्षा देना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है। शिक्षक की एक गलती आगे जाकर विकराल रूप धारण कर सकती है।
इस अवसर पर विदेशी शोधार्थी अलीना ने अपने हिंदी सीखने की यात्रा पर प्रकाश डाला और स्वरचित कविता सुनाई। वहीं विदेशी शोधार्थी मोहम्मद फहीम जलांद ने बताया कि हर अफगानी छात्र चाहता है कि वह भारत जाकर हिंदी सीखे। मेरा सौभाग्य है कि मुझे यह अवसर मिला। इस अवसर पर महिला प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक रूप से बतकम्मा लोक नृत्य प्रस्तुत किया। डी. सुधाम ने कविता पाठ किया। कविता ने देश भक्ति गीत गाया। प्रवीण ने अपनी स्वरचित गुरु वंदना प्रस्तुत की। आर. श्रीनिवास और अनिल कुमार ने भी अपनी प्रस्तुती दी।
मंचस्थ अतिथियों द्वारा पर-परीक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त डांगे ज्ञानेश्वर, द्वितीय स्थान शेख नाजिया बेगम, तृतीय स्थान अनवरून्नीसा तथा प्रोत्साहन पुरस्कार मैमुन्ना को प्रदान किया गया। मंचस्थ अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को अपने हाथों से प्रमाणपत्र वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन लखन तिवारी ने किया व आभार अनिल कुमार ने प्रकट किया। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक वर्ग के सदस्य डॉ. संदीप कुमार, सजग तिवारी एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का समापन सामूहिक राष्ट्रगान से हुआ।