बहुत-बहुत बधाई! दुबई में रहना और काम करना हुआ आसान, वर्क वीज़ा वीजा में किये गये पांच बड़े बदलाव

हैदराबाद : विदशों में मुख्य रूप से दुबई में जॉब करने जाने वाले भारतीय युवकों के लिए यह बड़ी खुश खबर है। सरकार ने दो साल के लिए दिए जाने वाले वर्क वीजा में बड़े बदलाव किए हैं। इससे वीजा प्रोसेस आसान, तेज और डिजिटल हो चुका है। ‘जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ रेजिडेंसी एंड फॉर्नर्स अफेयर्स’ (जीडीआरएफए) और ‘मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड अमीरात’ ( एमओएचआरई) ने एआई-बेस्ड रिन्यूअल, गोल्डन वीजा की योग्यता में विस्तार और भारतीय नागरिकों के लिए सरल प्रवेश प्रक्रियाएं शुरू की हैं।

दुबई में किए गए बदलावों की वजह से यहां काम करने वाले जाने वाले भारतीयों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 40 लाख के करीब भारतीय रहते हैं। इनमें से एक बड़ी आबादी दुबई शहर में रहती है। संयुक्त अरब अमीरात में तीन प्रमुख शहर हैं। इसमें दुबई, आबू धाबी और शारजाह शामिल हैं। दुबई में रहने वाले भारतीयों में सबसे ज्यादा लोग यहां काम कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग व्यापार के सिलसिले से भी यहां रहते हैं।

दुबई का दो साल का एंप्लॉयमेंट वीजा या वर्क वीजा यूएई में काम करने वाले विदेशी लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है। इस वीजा को तब जारी किया जाता है, जब यूएई की कोई कंपनी किसी विदेशी वर्कर को नौकरी के लिए स्पांसर कर रही हो। इस वीजा के जरिए वर्कर्स कानूनी रूप से देश में रह सकते हैं। उन्हें बैंकिंग और हेल्थकेयर जैसी सर्विस का फायदा उठाने और अपने परिवारों को स्पॉन्सर करने की इजाजत भी मिलती है।

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वीजा के आवेदकों को यूएई की रजिस्टर्ड कंपनी से जॉब ऑफर मिलना चाहिए। यही कंपनी उनकी स्पांसर होगी और उनके वीजा प्रोसेसिंग को देखेगी। कंपनी को ‘मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड अमीरात’ के जरिए वर्क परमिट के लिए अप्लाई करना होगा। फिर कंपनी को विदेशी वर्कर रखने की इजाजत मिलेगी। यूएई आने पर वर्कर को एंट्री परमिट मिलेगा, जो उसे दुबई में आने और अन्य फॉर्मेलैलिटी पूरी करने की इजाजत देगा। वीजा प्रोसेस में आवेदक का मेडिकल टेस्ट, एमिरेट्स आईडी रजिस्ट्रेशन और वीजा स्टैम्पिंग शामिल है।

वीजा में बदलाव

वीजा में सबसे बड़ा बदलाव एआई-बेस्ड ‘सलामा’ सिस्टम है, जो वीजा रिन्यूअल को ऑटोमैट करता है और प्रोसेस तेज बनाता है।

गोल्डन वीजा की योग्यता का दायरा बढ़ाया गया है। इसमें अब टीचिंग, हेल्थकेयर, स्थिरता और डिजिटल कंटेट क्रिएशन जैसे क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया है।

ज्यादातर वीजा सर्विस अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे कागजी कार्रवाई पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा भी बढ़ा दी गई है, जिससे उनके लिए देश में आना आसान हो गया है।

4,000 दिरहम प्रति माह से ज्यादा कमाने वाले प्रवासी अब अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता को भी स्पॉन्सर कर सकते हैं।

आवेदक के पास कम से कम छह महीने की वैलिडिटी वाला पासपोर्ट होना चाहिए। उसे यूएई स्थित कंपनी से जॉब ऑफर मिला होना चाहिए। नौकरी के लिए जरूरी अकेडमिक और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट भी जरूरी हैं। यूएई की ओर से अनुमोदित सुविधा से मेडिकल क्लीयरेंस सर्टिफिकेट और ‘मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड अमीरात’ वर्क परमिट भी जरूरी है। (एजेंसियां)

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