पुरातत्व वैज्ञानिकों ने किया इन मंदिरों का दौरा, बोले- “प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने की है जरूरत”

हैदराबाद : पुरातत्व वैज्ञानिकों ने तेलंगाना सरकार से वेमुलावाड़ा स्थित श्री राज राजेश्वर स्वामी मंदिर से जुड़े भगवान भीमेश्वर स्वामी और केदारेश्वर स्वामी मंदिरों में 9वीं और 10वीं सदी की जैन, बौद्ध और हिंदू मूर्तियों को संरक्षित करने का अनुरोध किया है। पुरातत्वविद् शिवनागी रेड्डी ने स्थानीय इतिहासकार संकेपल्ली नागेंद्र शर्मा के साथ रविवार को मंदिरों का दौरा किया।

इस दौरान रेड्डी ने सरकार से भद्राचलम, शिरडी और जोगुलम्बा मंदिरों की तरह मंदिरों के लिए एक साइट संग्रहालय स्थापित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण मंदिरों के आसपास की कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि भीमेश्वर मंदिर के सामने भगवान गणेश की 1,200 साल पुरानी मूर्ति को संरक्षित किया जाये। उन्होंने बताया कि केदारेश्वर मंदिर का एक हिस्सा ढह गया है और पुरातत्व विभाग से इसे तुरंत पुनर्निर्मित करने का आग्रह किया। अब देखना है कि सरकार क्या फैसला लेती है। (एजेंसियां)

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