विशेष लेख : तेलंगाना आंदोलन की गूंज ‘कालोजी’

9 सितंबर को कलोजी नारायण राव जयंती और तेलंगाना भाषा दिवस

तेलंगाना लोगों के हर आंदोलन की गूंज तेलंगाना के प्रगतिशील लेखक “कालोजी नारायण राव या कालोजी या कालन्ना” है। ऐसे महान प्रजाकवि कालोजी का पूरा नाम रघुवीर नारायण लक्ष्मीकांत श्रीनिवासराम राजा कालोजी है। 9 सितंबर 1914 को कर्नाटक के बीजापुर जिले के रत्तीहल्ली गांव में रमाबायम्मा और कालोजी रंगा राव के घर जन्मे कलोजी तेलुगु, उर्दू, हिंदी, मराठी, कन्नड़ और अंग्रेजी भाषाओं के प्रसिद्ध लेखक हैं।

कालोजी राजनीतिक व्यंग्य कविता लिखने में महारत हासिल थी। ‘ना गोडवा’ के नाम से उन्होंने समसामयिक सामाजिक समस्याओं पर स्पष्ट एवं कठोर प्रतिक्रिया दी और प्रजा कवि के रूप में प्रसिद्ध हुए। कालोजी परिवार बीजापुर से वरंगल जिले में चले गये और मडिकोंडा में बस गये।

कालोजी एक महान और महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिन्होंने तेलंगाना को अपना सारा जीवन अर्पण दिया। उन्होंने निज़ाम के अत्याचार, निरंकुशता और अराजकता शासन के विरुद्ध अपनी कलम उठाई। उन्होंने युवाओं को कविता से प्रेरित करके तेलंगाना आंदोलन को प्रेरित किया।

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ऐसे महान तेलंगाना योद्धा को याद में…

अन्याय का सामना किया तो मेरा झगड़ा तृप्त हो जाता है
अन्याय समाप्त हो जाए तो मेरे झगड़े की मुक्ति हो जाती है।

लोकप्रिय कवि कालोजी नारायण राव की 100वीं जयंती के अवसर पर तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना भाषा दिवस की घोषणा की है। 9 सितंबर, 2014 से, और तेलंगाना राज्य का भाषा और संस्कृति विभाग वर्ष 2024 के लिए तेलंगाना में भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को राज्य स्तरीय कलोजी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित बहुभाषी कवि और प्रसिद्ध अनुवादक नलिमेला भास्कर को बधाई। इस शुभ अवसर पर प्रत्येक कवि को समाज के भ्रष्टाचार, असमानता और शोषणकारी अत्याचार का विरोध करने के लिए अपनी कलम का उपयोग करने की आकांक्षा से सभी को तेलंगाना भाषा दिवस की शुभकामनाएं।

लेखक डॉ कमलेकर नागेश्वर राव ‘कमल’

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