MIDHANI: ‘एयरो मैटेरियल्स में चुनौतियाँ’ विषय पर कार्यशाला संपन्न, इन वक्ताओं ने लगाये चार चांद

हैदराबाद: रक्षा मंत्रालय के अंतरग्त भारत सरकार के उद्यम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) ने 7 दिसंबर को ‘एयरो मटीरियल्स में चुनौतियां’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यशाला की शोभा बढ़ाई। वर्तमान और भविष्य के एयरो इंजनों के लिए भौतिक विकास में अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए डिजाइनरों, उपयोगकर्ताओं, प्रमाणन एजेंसियों, गुणवत्ता आश्वासन एजेंसियों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, निर्माताओं और टेक्नोक्रेट्स के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भाग लिया है।

कार्यशाला के विषय काफी विस्तृत रहा है। जैसे कि वर्तमान और भविष्य के एयरो इंजनों के लिए भौतिक विकास और प्रमाणन में चुनौतियां और अड़चनें; एयरो इंजन सामग्री के लिए उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों का विकास व उपयोग; वांतरिक्ष के लिए सामग्री निर्माण में सुधार के लिए आवश्यक रणनीतियां/सुविधाएं; अगली पीढ़ी की सामग्रियों में अनुसंधान एवं विकास की भूमिका; भारतीय एयरो कार्यक्रमों के लिए उत्पादों के स्वदेशीकरण में आवश्यक सहयोगी दृष्टिकोण और सरकारी नीतियां; धातु सामग्री और विनिर्देश का युक्तिकरण आदि।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर सभी मिधानियों को बधाई दी और मिधानि के आत्मनिर्भर भारत मिशन में निरंतर योगदान की भी सराहना की। उन्होंने सम्मानित सदन को आवश्यक सामग्रियों और अपेक्षित चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करने और विचार-विमर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया है ताकि भारत के इंजन विकास के स्वदेशी कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाया जा सके। आगे उन्होंने सलाह दी कि आवश्यक सामग्री को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। एक जो बाजार में खुले तौर पर उपलब्ध है और दूसरा जिसे पूर्ण भाग के रूप में आयात करने की आवश्यकता है। खुले बाजार में उपलब्ध सामग्री के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।

मिधानि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ एसके झा ने मुख्य अतिथि डॉ जी सतीश रेड्डी, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और जीटीआरई, एडीए, एचएएल इकाइयों, डीएमआरएल, सीईएमआईएलएसी, डीजीएक्यूए के सभी प्रतिनिधि का स्वागत किया। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने विभिन्न सामरिक कार्यक्रमों में मिधानि के योगदान, उत्पाद और उपकरणों में विस्तार कार्यक्रम की स्थिति, वैमानिकी सामग्री के स्वदेशीकरण में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया। मिधानि द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 2023 मिधानि के लिए स्वर्ण जयंती वर्ष है।

जीटीआरई, एचएएल, डीएमआरएल, आरसीएमए के प्रतिनिधियों ने सामग्री निर्माण उद्योग के अवसरों के बारे में जानकारी दी। विषय पर पैनलिस्ट की बहुत महत्वपूर्ण समीक्षा के साथ कार्यक्रम को समृद्ध किया गया है।

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