मुनुगोडु विधानसत्रा निर्वाचन क्षेत्र पर रेवंत रेड्डी हो गये आक्रमक, शनिवार को ‘हमारा मुनुगोडु-हमारा कांग्रेस’

हैदराबाद: तेलंगाना की राजनीति में अप्रत्याशित घटनाक्रम हो रहा है। मुनुगोडु विधायक पद से कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे से राजनीति ने करवटें ले रही है। इसी बीच रेवंत रेड्डी ने मुनुगोडु-मन कांग्रेस’ (हमारा मुनुगोडु-हमारा कांग्रेस) नामक स्टिकर जारी किया है

इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने मुनुहोडु उपचुनावों पर पूरा फोकस किया है। इतने दिनों से कांग्रेस का गढ़ माने जा रहे मुनुगोडु में पार्टी के नेता एक बार फिर हाथ का झंडा फहराने की योजना बना रहे हैं। इसी के तहत टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी ने अहम फैसला लिया। कल (शनिवार) रेवंत रेड्डी मुनुगोड़ा जाएंगे।

इस दौरे के तहत मुनुगोडु में कांग्रेस के ध्वज कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। रेवंत रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह ‘मन मुनुगोडु-मन कांग्रेस’ (हमारा मुनुगोडु-हमारा कांग्रेस) के नारे के साथ आगे बढ़ेंगे। हर गांव में कांग्रेस की रैलियां और पार्टी के झंडे का अनावरण कार्यक्रम होंगे। कांग्रेस इस कार्यक्रम को सात मंडल और 176 गांवों में करेगी। साथ ही ‘मन मुनुगोडु- मन कांग्रेस’ नामक स्टिकर बांटे जाएंगे।

दूसरी ओर बीजेपी और सत्तारूढ़ टीआरएस ने भी मुनुगोड़ा पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। बीजेपी हर हाल में भगवा ध्वज फहराने के मकसद से आगे बढ़ रही है। इस महीने की 21 तारीख को एक विशाल जनसभा का आयोजन कर रही है। इस जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री शामिल होंगे। इस बीच टीआरएस भी मुनुगोडु निर्वाचन क्षेत्र पर विशेष जनसभा आयोजित करने जा रही है। टीआरएस की इस जगन सभा में सीएम केसीआर शामिल होंगे।

इसी बीच टीपीसीसी रेवंत रेड्डी और माणिक्यम टैगोर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुलेआम गंभीर टिप्पणी कर रहे हैं।
भोंगिर के सांसद और कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और पार्टी के वरिष्ठ नेता मर्री शशिधर रेड्डी पहले ही एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांग चुके हैं। ताकि उन्हें तेलंगाना में पार्टी के भीतर मौजूदा स्थिति के बारे में बताया जा सके। दोनों टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी की नेतृत्व शैली और कामकाज की आलोचना कर रहे हैं।

इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता अदंकी दयाकर ने शशिधर रेड्डी की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि ऐसा करना उचित नहीं है और किसी भी शिकायत को उठाने के लिए पीसीसी और एआईसीसी में अनुशासनात्मक समितियां है। दयाकर ने कहा, “वरिष्ठ नेता के रूप में सुझाव देने के बजाये, शशिधर रेड्डी इस तरह की बातें कर रहे हैं, यह संदेह पैदा कर रहा है कि भाजपा और आरएसएस द्वारा लागू की जा रही साजिश में उनके जैसे लोग कांग्रेस में मोहरे बन सकते हैं।”

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