हैदराबाद में सुरंग मार्ग को सरकार ने दी हरी झंडी, जानिए कहां और कैसे जाना होगा अब आसान

हैदराबाद: सरकार ने शहर में केबीआर पार्क के आसपास ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक सुरंग मार्ग के व्यवहार्यता अध्ययन को हरी झंडी दे दी है। चार महीने पहले परियोजना का प्रस्ताव देने वाले अधिकारियों ने व्यवहार्यता अध्ययन और व्यापक परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए सलाहकारों को आमंत्रित किया और अंतरराष्ट्रीय निविदाएं आमंत्रित की है।

तीन फर्मों ने बोलियां जमा की थीं, इनमें एल 1 के रूप में आये आरवी एसोसिएट्स आर्किटेक्ट्स इंजीनियर्स एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को काम सौंपने का जीएचएमसी के अधिकारियों ने सरकार की मंजूरी की सूचना दी है। इससे पहले माना गया था कि लगभग चार महीने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण परियोजना ठप हो गई। मगर अब सुरंग मार्ग बनने जा रहा है।

सरकार से अनुमति मिलने के बाद अधिकारी अगली कार्यप्रणाली की तैयारी कर रहे हैं। जीएचएमसी के प्रस्तावों की जांच के बाद सरकार ने दो चरणों में व्यवहार्यता अध्ययन और डीपीआर करने का आदेश दिया है। पहले चरण की व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने सुझाव दिया कि डीपीआर की जांच और अनुमति देने के बाद ही इसे तैयार किया जाये। परियोजना की लागत, लोगों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं आदि को ध्यान में रखा जाएगा। व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट एक वर्ष के भीतर प्रस्तुत की जानी है। उसके बाद अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि डीपीआर के लिए और तीन महीने लगेंगे। यदि व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है, तो सुरंग खोदने की व्यवहार्यता, लागत और अन्य विवरण की जानकारी उपलब्ध होगी।

अधिकारियों ने एनएफसीएल जंक्शन से वाया केबीआर पार्क एंट्रेंस से होते हुए जुबली हिल्स रोड नंबर 45 जंक्शन और वहां से दुर्गम झील तक सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम वाले प्रमुख कॉरिडोर के रूप में पहचाना गया है। इस कॉरिडोर में केबीआर पार्क के आसपास यातायात की समस्या के बिना सिग्नल मुक्त यात्रा के लिए एक सुरंग मार्ग पर विचार किया गया है। तेलंगाना में राजमार्ग पर अब तक कहीं नहीं ऐसा सुरंग मार्ग बनाने की कोशिश की जा रही है।

इस सुरंग का निर्माण टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा किया जाएगा। डीपीआर, व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट में सुरंग के निर्माण से संबंधित अलटेमंट, डिजाइन, पहुंच मार्ग, तकनीकी, आर्थिक, सामाजिक, वित्तीय व्यवहार्यता, यातायात आदि का खुलासा किया जाएगा। टनल में यह भी बताया जाएगा कि सुरंग मार्ग में कैरिजवे की कितनी लेन होनी चाहिए। देश में जम्मू-कश्मीर में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी सुरंग मार्ग 9.20 किमी लंबी है। यह अब तक का सबसे लंबा सुरंग मार्ग है। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने मुंबई में भी सड़क सुरंग बनाने के कदम शुरू कर दिए हैं।

शुरुआती प्रस्तावों के मुताबिक करीब 10 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाना चाहते थे, लेकिन बाद में इसे घटाकर 6.30 किलोमीटर कर दिया गया। यह सुरंग मार्ग रोड नंबर 45 जंक्शन से केबीआर पार्क प्रवेश जंक्शन तक 1.70 किमी का होगा। इसके अलावा रोड नंबर 12 से टनल जॉइनिंग पॉइंट तक 1.10 किमी, केबीआर प्रवेश से एनएफसीएल जंक्शन तक 2 किमी और तीन अप्रोचेस 0.50 किमी के हिसाब से 1.5 किमी हैं।

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