पुस्तक समीक्षा : शोषण और संघर्ष का नाटक है- ‘खदान@1982’

‘खदान@1982’ पुस्तक प्रसिद्ध कहानीकार एन आर श्याम का सद्यप्

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लाल सलाम! दिवंगत कामरेड गुम्मडी विट्ठल उर्फ गदर की जीवनी पर कहानीकार NR श्याम का संक्षिप्त शोध लेख

गदर अब नहीं रहा…, युद्ध नौका अब नहीं रहा… हाँ तेलुगू भाषा-

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हिंदी दिवस-2023: दक्षिण भारत में हिंदी का विरोध क्यों? ऐसा है बुद्धिजीवियों का मत और सुझाव

[नोट-पाठक इस पर विषय अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। प्राप

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सारगर्भित और मार्मिक समीक्षा : ‘बलगम’ फिल्म और दक्षिण भारत के हिंदी लेखक

[नोट- इस लेख और फिल्म पर पाठक अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते है

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संस्मरण और शोध लेख : वे अपनी जमीन से जुड़े रहे

10. 04. 2003 के दिन 'तेलंगाना समाचार' के राजन्ना जी का फोन आया। बत

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महिला आत्मकथा लेखन पर डॉ अहिल्या मिश्रा का लेख – कहानीकार एन आर श्याम की जबरदस्त प्रतिक्रिया

ए असफल के संपादन में ग्वालियर से प्रकाशित होने वाली त्रै

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प्रोफेसर एम वेंकटेश्वर जी का जाना साहित्य जगत की अपूर्ण क्षति हैं : एन आर श्याम

प्रोफेसर एम वेंकटेश्वर जी नही रहे। उनका न रहना विश्वास ह

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