हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर देश भर में किसान पिछले एक साल से ज़्यादा वक़्त से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। मोदी सरकार अब तक तीनों क़ानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले तीनों क़ानूनों के वापस लेने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ”आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूँ कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम इन तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, ख़ासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गाँव ग़रीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये क़ानून लेकर आई थी।” प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद किसान नेता और विपक्षी नेताओं की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घोषणा को लेकर बयान जारी कर बताया है कि वो तुरंत किसान आंदोलन को ख़त्म नहीं करने जा रहा है।
किसान मोर्चा ने कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा इस फ़ैसले का स्वागत करता है और संसदीय प्रक्रिया के ज़रिए इस घोषणा के प्रभावी होने का इंतज़ार करेगा। अगर ऐसा होता है तो ये एक साल के किसानों के संघर्ष की बड़ी जीत होगी। मगर किसान आंदोलन केवल तीन काले क़ानूनों को निरस्त करने के लिए नहीं है बल्कि एमएसपी की गांरटी के लिए भी है।” भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी की घोषणा पर कहा, ”आंदोलन को तत्काल वापस नहीं लिया जाएगा। हम उस दिन तक इंतज़ार करेंगे जब कृषि क़ानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करें।”

अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घोषणा को आज की बड़ी खुशखबरी बताया। उन्होंने ट्वीट में कहा, ”आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली है। तीनों क़ानून रद्द हो गये। 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गये। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था।”

राहुल गांधी और ममता बनर्जी
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भी कृषि क़ानून वापस लेने की मोदी की घोषणा पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के ख़िलाफ़ ये जीत किसानों को मुबारक हो।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी के बयान पर कहा, “लगातार लड़ने वाले और बीजेपी की क्रूरता के आगे ना झुकने वाले हर एक किसान को मेरी ओर से बधाई। इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदना।”

असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर तंज़ करते हुए पीएम मोदी पर निशाने साधा। असदुद्दीन ओवैसी ने एक शेर में लिखा है, “दहन पर हैं उन के गुमाँ कैसे-कैसे, कलाम आते हैं दरमियाँ कैसे-कैसे, ज़मीन-ए-चमन गुल खिलाती है क्या-क्या, बदलता है रंग आसमाँ कैसे-कैसे।” हैदराबाद के सांसद ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ”कृषि क़ानून शुरू से ही असंवैधानिक था। सरकार के अहंकार के कारण किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा। अगर सरकार बाल हठ नहीं करती तो 700 से ज़्यादा किसानों की जान नहीं जाती। किसान आंदोलन को बधाई। पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए मोदी के पास और कोई विकल्प नहीं था।”

इसी तहर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ”आज देश के करोड़ों अन्नदाताओं की जीत हुई है। अन्नदाताओं के आंदोलन की बदौलत, लंबे संघर्ष की बदौलत, उनकी शहादत और कुर्बानी की बदौलत नरेंद्र मोदी जी की अहंकारी और तानाशाह सरकार को झुकना पड़ा और तीनों काले क़ानून वापस लेना पड़ा है। ये तीन क़ानून इसलिए वापस लिये गये क्योंकि किसान चुनाव दर चुनाव नरेंद्र मोदी की सरकार को सबक सिखा रहे थे। अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई। बाल खींचते कार्टून बनाए। जीप चढ़ाई। जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी। हमारे किसानों के और उनके साहसी संघर्ष को सलाम जिसके कारण मोदी के तीनों काले क़ानून वापस हुए। हमें इस संघर्ष में जान गंवाने वाले 750 किसानों के त्याग को नहीं भूलना चाहिए।”
नेताओं ने कहा, ”झूठे मामलों के जरिए सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा निशाना बनाए गए लोगों के लिए न्याय की कोशिश जारी रहेगी। पीएम मोदी को अपने व्यापारिक साझेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि क़ानूनों के अपने तानाशाही कदम के कारण हुई कठिनाई और परेशानियों के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। हमारे बहादुर और निडर किसान साथियों को इन काले क़ानूनों की वापसी का पूरा श्रेय जाता है। कितने अफ़सोस की बात है कि 750 किसान की मौत, एक साल के आंदोलन और उनके ख़िलाफ़ गाली, फ़र्ज़ी केस और गाड़ी चढ़ाए जाने के लिए भी कोई रंज, कार्यवाही या कोई माफ़ी नहीं है अब तक।”
बीजेपी नेता और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी नेता नवीन पटनायक और अन्य नेताओं ने मोदी के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार प्रकट करना चाहिए और अपने धरने तुरंत उठाकर अपने अपने घरों को जाकर अपने नियमित कामों में लगना चाहिए। पीएम मोदी ने देश और किसानों के हित में जो तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी का जो फ़ैसला लिया है उसका स्वागत करते हैं। आपके खेत और आपका परिवार लंबे समय से आपका इंतज़ार कर रहा था और वो आपको वापस देखकर ख़ुश होंगे। हम किसानों के साथ है।”

देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
My heartfelt congratulations to every single farmer who fought relentlessly and were not fazed by the cruelty with which @BJP4India treated you. This is YOUR VICTORY!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 19, 2021
My deepest condolences to everyone who lost their loved ones in this fight.#FarmLaws
#FarmLaws were unconstitutional from start. Govt’s ego forced farmers to hit the streets; if govt wasn’t so childishly stubborn, 700+ farmers wouldn’t have lost their lives
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 19, 2021
Congrats to kisan andolan. Modi had seen writing on the wall in UP & Punjab, was left with no choice 2/2
आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली। तीनों क़ानून रद्द। 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2021
अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 19, 2021
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
Salutes to our farmers and their brave struggle which has led to the repeal of Modi’s three black farm laws.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 19, 2021
We must not forget the sacrifice of more than 750 farmers who have lost their lives in this struggle.
They are our martyrs. https://t.co/uNyKYwdKTr
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार प्रकट करना चाहिए और अपने धरने तुरंत उठाकर अपने अपने घरों को जाकर अपने नियमित कामों में लगना चाहिए ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA ( मोदी का परिवार ) (@anilvijminister) November 19, 2021
Welcome Hon'ble PM @narendramodi ji’s decision to repeal all 3 #FarmLaws, in the best interests of the country and its farmers. Your farms and families have been waiting for long and they will be happy to welcome you back. @bjd_odisha continues to stand with the farmers.
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) November 19, 2021
600 से अधिक किसानों की शहादत
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 19, 2021
350 से अधिक दिन का संघर्ष, @narendramodi जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी।
आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला..1/3