दो तेलुगु राज्यों के सात जिले में नागरिक अधिकार संगठनों के नेताओं के मकानों पर एनआईए के छापे

हैदराबाद : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पूर्व माओवादी और नागरिक अधिकार संगठनों के नेताओं के मकानों में एक साथ छापा मारा। दोनों के राज्यों के सात जिलों में 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। अलसुबह शुरू हुआ छापेमारी देर रात तक जारी रहा।

जुलाई 2019 को हुई मुठभेड़

पता पता चला है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नागर्नर थाना क्षेत्र में जुलाई 2019 को हुई मुठभेड़ मामले के अंतर्गत यह छापेमारी की गई। तब उस मुठभेड़ में छह माओवादी और एक आम व्यक्ति मारे गये थे। इसके बाद इस मामले को एनआईए को स्तानांतरित किया गया। छापे को दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, माओवादी साहित्य, एलॉक्ट्रानिक उपकरण आदि जब्त किये गये।

तेलंगाना प्रजा फ्रंट

एनआईए अधिकारियों ने एलबी नगर निवासी और तेलंगाना प्रजा फ्रंट (टीपीएफ) के अध्यक्ष रवींदर के मकान पर छापा मारा। इसी तरह नागोल डिविजन साईभवानी नगर कॉलोनी निवासी फोरम एगेनिस्ट हिंदुत्व व फासिस्ट एफेंसिस मंच के दंपत्ति और पूर्व माओवादी नार्ला रवि शर्मा, अनुराधा, लॉ छात्रा बी पद्मा, बागलिंगमपल्ली निवासी और उस्मानिया विश्वविद्यालय छात्र संगठन की नेता अरुणांकुलता, अलवाल सुभाषनगर स्थित शहीद बंधु मित्र संघ के सह सचिव भवानी व सचिव पद्मा कुमारी के मकानों में छापा मारा गया।

छात्रों के कमरों में भी छापा

इसी क्रम में मेदक जिले के चेगुंटा में माओवादी केंद्र कमेटी के सदस्य दुबाशी शंकर के बेटे देवेंदर के निवास पर भी छापा मारा गया। बाललिंगमपल्ली अंबेडकर कॉलेज के सामने स्थित हाउसिंग बोर्ड अपार्टमेंट के तीसरी मंजिल में किराये पर रह रहे छात्रों के कमरों में भी छापा मारा।

विप्लव रचयितल संघ के अध्यक्ष

दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में विप्लव रचयितल संघ के अध्यक्ष आरुसवेल्ली कृष्णा, लोक कलाकार डप्पु रमेश, प्रकाशम जिले के अलकुरापाडु में विरसं के वरिष्ठ नेता और प्रमुख कवि जी कल्याण राव, चीराला निवासी कमजोर तबकों के नेता माचर्ला मोहन राव, विशाखापट्टणम में प्रगतिशील श्रमिक संघ के नेता और चेतन्या महिला संघ की नेता अन्नपूर्णा, अनुषा व नेल्लोर में रह रहे रमणय्या के मकानों में छापा मारा गया।

बरामद

पता चला है कि छापों के दौरान कुछ नगद और अन्य दस्तावेज भी बरामद किये। छापे के दौरान पता चला है कि कृष्णा माओवादी का समर्थक ही नहीं बल्कि वह एक पद पर भी कार्यरत है। इसके चलते कृष्णा के साथ पश्चिमी गोदावरी जिले के अधिवक्ता श्रीम्नारायण और विजयवाड़ा निवासी श्रीधर को नोटिस दिया है।

मकान का ताला तोड़कर

एनआईएफ के अधिकतर छापे हैदराबाद में मारे गये। टीपीएफ के नेता रविचंद्र गांव में नहीं थे। इसके चलते उनके मकान का ताला तोड़कर अंदर गये और तलाशी ली। शहीद बंधु मित्र संघ के सचिव पद्मा कुमारी के मकान की तलाशी ली गई और उनसे अनेक सवाल पूछे गये। इसके चलते दिल की मरीज पद्मा कुमार गंभीर मानसिक तनाव में आ गई। खून की उल्टियां होने के कारण उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।

आरके की आत्मकथा

खबर है कि अधिकारियों ने भूमिगत माओवादियों से किये गये उनके पत्रों को भी जब्त किया है। हाल ही में गडचिरोली एनकाउंटर के बाद माओवादी सेंट्रल कमेटी की ओर से हमले की किये जाने के संदेह पर यह छापे मारे गये है। माओवादी के वरिष्ठ नेता आरके की पत्नी शिरीषा भवानी की बहुत ही करीबी है। भवानी के पास माओवादियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होने के संदेह पर यह छापा मारा गया है। इस दौरान आरके की आत्मकथा के बारे में भी उनसे सवाल किये जाने की भी खबर है।

छपों की निंदा

दूसरी ओर विरसं और टीपीएफ ने एनआईए के छापों के निंदा की है। विरसं के नेता आरसवेल्ली कृष्णा रिवेरा और पाणी ने इन छापों को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया। इन छापों के पीछे केंद्र और दोनों तेलुगु राज्यों का षड्यंत्र है। जांच के नाम पर इस तरह प्रताड़ित किया जाना ठीक नहीं है। सीपीआई के सचिव चाडा वेंकट रेड्डी और नागरिक अधिकार संघ के नेता हरगोपाल ने इन छापों की निंदा की। उन्होंने कहा केंद्र और राज्य सरकारें उनके विरोध में आवाज उठाने वालों के मकानों पर छापे मार रही है। यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।

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