हैदराबाद: सिंगरेनी खान दुर्घटना में सरदार नरेश मंगलवार को बाल-बाल बच निकला। उसने कहा कि उन्हें खदान दुर्घटना से बचने की उम्मीद नहीं थी। सिंगरेनी रामगुंडम आरजी3 दुर्घटना में बाल-बाल बचकर बाहर आये नरेश ने मीडिया से कहा, “यह मेरे लिए पुनर्जन्म है। 86 लेवल के पास एसडीएल ऑपरेटर वेंकटेश्वरलु और मैं मौजूद थे। अचानक छत गिर गई। हम कांप उठे। वेंकटेश्वर मिशन पर बैठा था। मैं गाड़ी के नीचे गया और छिप गया। मेरे लिए यह वाकई में पुनर्जन्म है।” पता चला है कि कल रामागुंडम आरजी-3 में छत गिरने से हुए हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई।
ताजा खबर आई है कि मलबे में एक शव को निकाला गया है। मलबा हटाने का काम तेजी से जारी है।
गौरतलब है कि सिंगरेनी रामागुंडम क्षेत्र के RG-3 ALP में खदान दुर्घटना के बाद श्रमिकों के परिवारों में मातम छा गया है। सोमवार को एएलपी खदान में 86 लेवल के पास आठ कर्मचारी ड्यूटी करते समय अचानक साइड वाल गिर गया। इन आठ कर्मचारियों में से चार कर्मचारी मलबे में फंस हैं।
बताया जा रहा है कि 25 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा वाला छत अचानक तीन मीटर की ऊंचाई पर से गिर गया। हालांकि इस हादसे में ऑपरेटर जाडी वेंकटेश्वर्लु और वीरय्या बाल-बाल बच गये। अन्य कर्मचारी तोटा श्रीकांत, रवींदर, चैतन्य तेजा और जयराज के खान में फंस होने का संदेह है। उनकी हालत संदिग्ध होती दिख रही है।
कल से ही सिंगरेनी के कर्मचारी बचाव अभियान चला रहे हैं। मंगलवार को सुबह कोयले के मलबे में फंसे कर्मचारी नरेश सुरक्षित बाहर निकल आया। हालांकि जिस कोयला खदान में दुर्घटना हुई, वहां कर्मचारी और कर्मचारियों के परिजन बड़ी संख्या में पहुंचे है।

अधिकारी पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं कि एएलपी खदान हादसे में और कितने मजदूर फंसे हैं और उनकी हालत कैसी है। कहा जा रहा है कि मंगलवार शाम तक मलबा हटाने का काम पूरा हो जाएगा और स्थितित स्पष्ट हो जाएगी। दुर्घटना पर टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने गहरा अफसोस जताया है। रामगुंडम विधायक कोरुकंटी चंदर ने घटना की जानकारी ली और पीड़ितों से मिलने सिंगरेनी एरिया अस्पताल गये। घायल व्यक्ति को हिम्मत दी।