हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने इस एक महीने में लगभग दस हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया है। इस महीने की पहली तारीख से एक करोड़ रुपये से शुरू होकर अब तक 8,500 करोड़ रुपये प्रतिभूतियों की नीलामी के माध्यम से आरबीआई से कर्ज लिया है। पहली बार सरकार ने हर हफ्ते आरबीआई की नीलामी में भाग लिया। इसके अलावा अन्य पद्धति ओवरड्राफ्ट (OD), वेज एंड मीन्स (WMS) जैसे अन्य माध्यमों के तहत RBI से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लिया है।
सरकार ने पिछले दो महीनों में लिए गए कर्ज से दोगुना इस एक महीने में लिया है। आम तौर पर एक महीने में जितना कमाती है, उससे अधिक कर्ज जून में लिया। लिये गये इस कर्ज से कर्मचारियों के वेतन, किसानों के रैतुबंधु, आसरा पेंशन और सचिवालय के निर्माण के लिए भुगतान किया है। इतना ही नहीं लॉक डाउन के बहाने और कर्ज लेने की तैयारी कर रही हैं।
कर्ज नहीं तो कल्याण कार्यक्रम नही
राज्य सरकार ऐसी स्थिति पैदा कर रही है कि कर्ज न होने पर कल्याण कार्यक्रम रुक जाएंगे। सरकार बार-बार कह चुकी है कि वह केवल परियोजनाओं के निर्माण और अन्य पूंजीगत व्यय के लिए कर्ज ले रही है। मगर इस महीने लिए गए सभी कर्जों को कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया है। लगभग 6,000 करोड़ रुपये रैतुबंधु को दिये हैं। जून से पहले दिये जाने वाले रैतुबंधु सहायता राशि को 15 जून तक बढ़ाया जाना इसी में का एक हिस्सा है।
जारी सभी निधियां कर्ज में से
इस महीने की 8 तारीख को 2,500 करोड़ रुपये, 15 जून को 3 हजार करोड़ और 22 जून को एक हजार करो़ड़ रुपये को सरकार के खाते में से अन्य विभाग को और वहां से चरणबद्ध तरीके से किसानों के बैंक खातों में जमा किये गये। इससे पहले इस महीने की पहली तारीख को लिया गया 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज कर्मचारियों के वेतन के लिए और 29 जून को लिये एक करोड़ रुपये कर्ज से आसरा पेंशन के लिए भुगतान किया है। पता चला है कि नए सचिवालय के निर्माण का खर्च भी इन्हीं कर्जों से भुगतान किया जा रहा है। सरकार ने सचिवालय निर्माण कार्य के लिए अब तक 200 करोड़ रुपए खर्च किये हैं। साथ ही हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया और इसके विकास कार्य के लिए 40 करोड़ इसी कर्ज में से दे रही हैं। एलएमडी परियोजना के लिए 310 करोड़ दिये हैं। इस तरह इस समय में जारी सभी निधियां कर्ज में से दिया है।
कोरोना और लॉकडाउन के बहाने और कर्ज
तेलंगाना सरकार अब कोरोना और लॉकडाउन के बहाने और कर्ज लेने की तैयार हो रही है। इसी के तहत कर्ज की सीमा बढ़ाने को जीएसटी परिषद बैठक में केंद्र से कह रही है। पिछले साल कोरोना और लॉकडाउन की दिक्कतों के चलते केंद्र सरकार ने एफआरबीएम की सीमा को बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया। अब लगातार यह चार फीसदी जारी है। इसके अनुसार 49,300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा सकता है।
सरकार द्वारा किया गया कर्ज 3,91,810 करोड़
यदि इसमें एक और फीसदी वृद्धि होती है, तो कर्ज दस करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। पिछले सात साल से सरकार ने लगभग चार लाख करोड़ कर्ज किया है। FRBM अधिनियम के तहत किए गए कर्ज मार्च 2022 तक 2,86,804 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं, मिशन भगीरथ और अन्य के लिए 1,05,006 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए गारंटी दी है। यदि इसे भी शामिल कर लिया जाए तो सरकार द्वारा किया गया सही कर्ज 3,91,810 करोड़ रुपये हैं।
तीन महीने में 16 हजार करोड़ पार
इस वित्तीय वर्ष के 3 महीने के भीतर सरकार ने 16 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। दरअसल, आरबीआई द्वारा इस तिमाही के लिए जारी नियम के मुताबिक 8 हजार करोड़ का कर्ज लेना चाहिए। लेकिन सरकार ने इससे डबल लिया है। मई तक आरबीआई और अन्य कर्ज 6 हजार करोड़ रुपये थे। इस महीने में लिए गए कर्ज को मिलाया जाये तो 16 हजार करोड़ हो जाएगा। इससे इस वित्त वर्ष कुल लिये जाने वाले लोन में से 32 फीसदी पहले ही ले चुकी है।