हैदराबाद : साहित्य सेवा समिति हैदराबाद तेलंगाना की 119 वीं मासिक गोष्ठी डॉ दया कृष्ण गोयल की अध्यक्षता मे सफलतापूर्ण आयोजित की गई। ममता जायसवाल महामंत्री ने गोष्ठी का संचालन किया। गोष्ठी दो सत्रों में संपन्न हुई। प्रथम सत्र विषय चर्चा हेतु तथा द्वितीय सत्र काव्य गोष्ठी हेतु रखा गया। श्रीमती शिल्पी भटनागर के सरस्वती वंदना द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गीता अग्रवाल ने स्वागत भाषण द्वारा सभी को आमंत्रित किया।
प्रथम सत्र की चर्चा में- ‘वैश्विक धरातल पर तृतीय विश्व युद्ध की मंडराती युद्ध विभिषिका और साहित्यकार का दायित्व’ विषय पर डॉ. डी. के गोयल ने अर्वाचीन महाभारत, कलिंग आदि युद्धों से प्रथम, द्वितीय विश्वयुद्ध की विभिषिका तथा युद्धरत देशों का उदाहरण देते हुए साहित्यकार को अपनी क्षमता कम न आंकते हुये रामायण के राम गिलहरी संवाद चित्र को प्रस्तुत किया।
डॉ. राशि सिन्हा ने प्रमुख प्रवक्ता के रूप में साहित्यकार के दायित्व पर प्रकाश डालते हुए कई प्रासंगिक व रोचक साहित्य कथाओं द्वारा मानवीय संवेदनाओं के संवर्धन पर बल दिया। विषय चर्चा में बी. एल. आच्छा ने राजनैतिक विचारधारा में बदलाव तथा दर्शन सिंह व ममता जायस्वाल ने मानवीय मूल्य की सापेक्षता अनिवार्य पर अपने विचार व्यक्त किये। काव्य गोष्ठी व विषय चर्चा के सफल चित्रांकन का कार्य गीता अग्रवाल ने बखूबी निभाया।
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द्वितीय सत्र में सुषमा देवी, शिल्पी भटनागर, ममता जायसवाल, राशि सिन्हा, तृप्ति मिश्रा, गंगा पंचौरी, अंजू पांडे, रीता सिंह, रंजीता पाण्डेय, गीता अग्रवाल, उमादेवी सोनी, मंजू भारद्वाज, डॉ. डी. के गोयल, उमेश चंद यादव, दर्शन सिंह, विनोद गिरि अनोखा आदि कवियों ने काव्य गोष्ठी में स्वरचित रचनाओं का पाठ किया। इस दौरान बी एल आच्छा व गिरधारी लाल गुप्ता की गरिमामय उपस्थिति रही। अध्यक्षीय टिप्पणी डॉ. दया कृष्ण गोयल द्वारा की गई।
दोनों सत्रों का संचालन श्रीमती ममता जायसवाल किया। साथ ही तकनीकी सहयोग उमेश चंद यादव व श्रीमती गीता अग्रवाल ने किया। श्रीमती मंजू भारद्वाज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।