हैदराबाद : तेलंगाना की राजनीति ‘दलित बंधु योजना’ के इर्द-गिर्द घूम रही है। दस लाख रुपये देने के केसीआर सरकार के फैसले का विरोध करने की हिम्मत कोई विपक्ष नहीं कर रहा है। फिर भी केसीआर की ओर से दिये गये आश्वासनों पर जवाब मांग रहे है। मुख्य रूप से दलितों को तीन जमीन और डबल बेडरूम जैसी तमाम गारंटी योजनाओं को सामने ले आकर केसीआर पर हमले कर रहे हैं। दलित व्यक्ति को सीएम बनाने के वादे को भी याद कर रहे हैं।
इसी क्रम में वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने भी इन्हीं मुद्दे को लेकर केसीआर पर तिखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र के इल्लंतकुंटा मंडल के सिरिसेडु गांव में मंगलवार को शर्मिला ने एक दिन का बेरोजगार दीक्षा (अनशन) किया। इस अवसर पर शर्मिला ने कहा कि सीएम केसीआर हर बार दलितों को अपमानित कर रहा है। दलित को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया। ऐसा नहीं किया। दलित डिप्टी सीएम को भी हटा दिया है। तीन एकड़ जमीन देने का आश्वासन देकर दलितों को अपमानित किया है।
वाईएस शर्मिला ने कहा कि केसीआर द्वारा देने वाले दस लाख रुपये लीजिए। तीन एकड़ भूमि के अंतर्गत दिये जाने वाले 30 लाख रुपये,
तीन एकड़ के लिए हर एकड़ के लिए एक लाख रुपये के हिसाब से दिये जाने वाले फसल राशि 21 लाख रुपये आनी है। इस प्रकार कुल 51 लाख रुपये दलितों को मिलना चाहिए। शर्मिला ने कहा कि दलित बंधु योजना के तहत दस लाख रुपये काटे जाने पर शेष 41 लाख रुपये भी केसीआर के कान पकड़कर वसूल किया जाये।
शर्मिला ने भी हुजूराबाद उपचुनाव पर अपने अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। हुजूराबाद के उपचुनाव लोगों के लिए नहीं आ रहे है। यह चुनाव एक दूसरे पर बदला लेने के लिए हो रहे है। वो अपनी ताकत आजमाना चाह रहे हैं। उपचुनाव आते ही केसीआर अब दलित बंधु बन गये हैं। यह अफसोस की बात है कि चुनाव के समय पैसे देने की बात अब तक देश में कहीं पर भी नहीं हुआ है। शर्मिला ने आह्वान किया कि टीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी को वोट मत दीजिए। जो आपकी बात सुनता है, उसे ही वोट दीजिए।