हैदराबाद: कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में नया मोड़ आया है। इस मामले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। इस मामले की सुनवाई तेलंगाना को स्थानांतरित करने का फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने मामले को हैदराबाद सीबीआई विशेष अदालत में स्थानांतरित करते हुए फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि मामले का स्थानांतरण निष्पक्ष रूप से आपराधिक जांच करने के उद्देश्य से किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौलिक अधिकारों को देखते हुए केस को हैदराबाद सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर किया जा रहा है। कोर्ट ने साक्ष्य नष्ट करने की साजिश रचने पर भी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सुनवाई दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने का आग्रह किया। दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि आरोपी उसके पिता की हत्या मामले में गवाहों को धमका रहे हैं। अगर मामले की सुनवाई आंध्र प्रदेश में की जाती है, तो न्याय नहीं होगा। इसलिए उसने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर दिया जाए और उसकी निगरानी की जाए। सुनीता रेड्डी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके बाद हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया।
पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या मामला उस समय हड़कंप मच गया था। 14 मार्च 2019 को पुलिवेंदुलु स्थित विवेकानंद रेड्डी की उनके घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एसआईटी को सौंपी थी। तत्कालीन विपक्ष के नेता वाईएस जगन ने मांग की कि केस को सीबीआई को सौंपा जाए। इसके बाद के चुनावों में मुख्यमंत्री जगन ने जिम्मेदारी संभाली।
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में मामले की जांच को लेकर दायर की गई और कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। इसके साथ ही सीबीआई मामले की सुनवाई शुरू कर दी। इस मामले में संदिग्धों और गवाहों से पूछताछ की। इस मामले में ए2 के रूप में सुनील यादव और ए3 के रूप में उमाशंकर रेड्डी हैं। सीबीआई ने कुछ अन्य को भी गिरफ्तार किया। इस मामले के आरोपी और विवेकानंद रेड्डी के वाहन चालक दस्तगिरी सरकारी गवाह बन गया। इस मामले के आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया।