हैदराबाद: विहंगम योग संत समाज, हैदराबाद, द्वारा गुरु पूर्णिमा एवं प्रथम परम्परा सदगुरु धरम चंद्र देव जी की 54वीं पुण्य तिथि के पावन अवसर पर 21कुणडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ एवं सत्संग का आयोजन सैदाबाद स्थित हैदराबाद आश्रम पर किया गया। सत्संग का प्रारंभ स्वागत गान, मंगल गान और स्वर्वेद महाग्रंथ पाठ के साथ हुआ।
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विद्यार्थी श्री मोहित कुमार ने सत्संग में बताया कि सद्गुरु ही अध्यात्म के पूर्ण गुरु होते है। अध्यात्म वहीं से शुरू होता है। अगर कोई मन माया से छूटना चाहता है तो उसको विहंगम योग सद्गुरु, स्वामी को पकड़ना ही पड़ता है। नहीं तो इस असार संसार में भटका खाना पड़ेगा। अपना सर्वस्व सद्गुरु चरणों में अर्पण कर, सेवा ,सत्संग और साधना को जीवन में उतारना ही पड़ता है। सद्गुरु के आज्ञ व, नियम को शिरोधार्य करना ही पड़ेगा। सब कुछ सद्गुरु स्वामी ही करता है, हमको अभिमानरहित होकर माध्यम बनना पड़ता है। सद्गुरु तो भाग्य विधाता है, क्षण भर में अलख लखाता है, उसकी कृपा कटाक्ष बिना तो कोई कुछ भी नहीं पाता है।
हवन यज्ञ द्वारा हमारी भौतिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा यज्ञ में मंत्र द्वारा पड़ने वाली आहुतियों से वातावरण शुद्ध होता है। श्री विजय भास्कर, विनोद भाई, हरिश बजाज, हनुमंत राव, सुनील भाई, भगवान भाई, गोपाल भाई, अरुण भाई, श्याम लाल गोयल, सुरेश गोयल, प्रदीप बंसल, दिनेश अग्रवाल, नवीन भाई, प्रकाश तुलस्यान, प्रवीण कुमार सिन्हा एवं राकेश भाई ने सहपत्नी हवन यज्ञ में भाग लिया।
सत्संग में सुभाष अग्रवाल, काशी राम, ओमप्रकाश अग्रवाल, श्याम सुन्दर अग्रवाल,सुशील अन्ने, देवेंद्र अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, बिशन लाल संघी, राम किशन भूरिया, शिव कुमारअग्रवाल, राजकुमार शर्मा, मुकेश अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, मंटू केसरी, मीना अग्रवाल, सरस्वती अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, किरण अग्रवाल, गुड़िया केसरी आदि गुरु भाई एवं बहन उपस्थित रहे। वंदना, आरती, शांति पाठ एवं महा प्रसाद वितरण के साथ सत्संग का समापन हुआ।