हैदराबाद : पूरे देश में सनसनी फैला चुकी दिशा दुष्कर्म, हत्या और एनकाउंटर मामले की जांच कर रही जस्टिस सिरपुरकर आयोग की जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। आयोग ने रविवार को जहां घटना हुई थी, चटानपल्ली ब्रिज और एनकाउंट स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस ने भारी बंदोबस्त किया।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सिरपुरकर, सदस्य न्यायमूर्ति रेखा, पूर्व डीजीपी कार्तिकेय, सिट अधिकारी राचकोंडा सीपी महेश भगवत, शमशाबाद डीसीपी प्रकाश रेड्डी और अन्य 18 वाहनों के काफिले में सीआरपीएफ जवान मौके पर पहुंचे। इस दौरान आयोग ने दिशा घटना, आरोपियों के एनकाउंटर के तरीके और एनकाउंटर के कारणों के बारे में पूछताछ की। आयोग ने लगभग 40 मिनट तक इस दौरान लोगों से पूछताछ की। घटनास्थल की जांच कर रहे आयोग के सदस्यों से मिलने के लिए जन संगठनों के नेता कोशिश की। मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके चलते वहां पर कुछ देर के लिए तनाव तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
इसके बाद आयोग के सदस्य घटनास्थल से शादनगर थाने पहुंचे और आसपास का जायजा लिया। वहां भी स्थानीय लोग और विभिन्न संगठनों के नेता आ पहुंचे और आंदोलन पर उतर आये। जब आयोग के सदस्य तोडुपल्ली गेट के पास पूछताछ कर रहे थे, जहां दिशा की बाइक खड़ी थी, दिशा के पिता भी वहां पहुंच गये। कुछ देर तक आयोग के सदस्यों से बातचीत की। इसके बाद दिशा के पिता ने कहा कि आयोग के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि उनके साथ न्याय किया जाएगा।
गौरतलब है कि 27 नवंबर 2019 को चार युवकों ने चटानपल्ली के पास पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी। इल घटना के कुछ दिन बाद उसी साल 6 दिसंबर को घटना स्थल पर एक मुठभेड़ में चारों आरोपी मारे गये। मानवधिकार संगठनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जन हित याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ की व्यापक जांच के लिए जस्टिस सिरपुरकर आयोग का गठन किया। उसी के तहत आयोग ने मुठभेड़ में शामिल सभी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। सिरपुरकर आयोग अगले साल 2 फरवरी को जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा।