हैदराबाद: टीएसआरटीसी (TSRTC) प्रबंधन ने हाल ही में कई डिपो को बंद कर दिया है। अब कर्ज चुकाने के लिए एक और बस डिपो को बैंक में गिरवी रखा है। प्रबंधन ने कर्ज का बकाया चुकाने के लिए और कर्ज लिया है। पता चला है कि बैंक से 320 करोड़ रुपये कर्ज के लिए हैदराबाद के रानीगंज डिपो-1 और आरटीसी के दो अन्य स्थलों को जमानत के रूप में बैंक में रखा है।
प्राप्त राशि से सीसीएस बकाया भुगतान किया है। इससे पहले भी आरटीसी की संपत्ति, डिपो और कार्यशालाओं को जमानत के रूप में रखकर बैंकों से कर्ज लिया गया। आरटीसी के मजदूर नेताओं ने बताया है कि जुबली बस स्टेशन के बगल की जमीन और करीमनगर कार्यशाला सहित कई बस डिपो को बैंकों में गिरवी रखा हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि आरटीसी का कर्ज दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। आरटीसी की जरूरत, वेतन और बकाया का भुगतान करने के लिए प्रबंधन को बैंकों से ऋण लेना पड़ रहा है। डीजल के दाम बढ़ने और कोरोना के बढ़ते मामलों से आरटीसी को काफी नुकसान हुआ और हो रहा है। पहले ही प्रबंधन ने पीएफ, सीसीएस, एसआरबीएस और अन्य फंडों को उपयोग कर चुकी हैं। कर्ज लेकर बकाया भुगतान किया जाना जरूरी है। बताया जा रहा है कि इस साल अगस्त तक 2,125 करोड़ रुपये का बैंक कर्ज लिया गया है।
उसके बाद एक बार 500 करोड़ रुपये और अब 320 करोड़ रुपये कर्ज लिया गया हैं। क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के लिए आरटीसी कुछ बकाया भुगतान किया है। सोसाइटी को 700 करोड़ बकाया है, जबकि 240 करोड़ रुपये भुगतान किया है। दिसंबर तक लंबित सभी प्रकार के बकाया कर्ज और सेटलमेंट तथा अन्य भुगतान किया जाएगा।