हैदराबाद : तेलंगाना-महाराष्ट्र के सीमावर्ती जंगलों में एक फिर बाघों के हमले बढ़ गये हैं। संयुक्त आदिलाबाद जिले के चेन्नुर जंगल और गडचिरोली जिले के आसपाल इलाकों में बाघों ने तीन महीने में सात लोगों को मार डाला है। इसके चलते इस इलाकों में हड़कंप मच गया है। आदिलाबाद कवाल टाइगर रिजर्व (Kawal Wildlife Sanctuary Tiger Reserve) के चंद्रपुर जिले में लगातार हो रहे बाघों के हमले से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
इसी क्रम में तेलंगाना के अधिकारियों ने आदिलाबाद जिले के सीमावर्ती इलाके के टाइगर कारिडार में हाई अलर्ट घोषित किया है। लगभग 20 कर्मचारी और अधिकारियों का एक दल बाघों का पता लगाने में जुट गया है। साथ ही लोगों को जंगलों में जाने पर मना कर रहे है। अकेला व्यक्ति को तो जंगल में जाने पर मना कर रहे है। यदि आपातकालीन काम हो तो समूह के साथ जाने का सुझाव दिया हैं।
हाल ही में चंद्रपुर से रोजगार की तलाश में आसिफाबाद आये दो मजदूरों को ए-2 टाइगर ने मारा डाला है। अधिकारी इस बाघ की तलाश में जुट गये है। यही ए-2 टाइगर ने सोमवार को पशुओं पर भी हमला किया। इसके चलते इस इलाके के लोग भय में जी रहे हैं। अधिकारियों की ओर से ए-2 टाइगर को पकड़ने के लिए की गई सभी कोशिशें नाकाम हो गई है। अधिकारियों ने अंदाज लगाया कि यह बाघ को महाराष्ट्र की ओर गया हो गा। यही ए-2 टाइगर जंगल में लगाये गये कैमरा में कैद हुआ है।
इसके चलते नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) ने महाराष्ट्र और तेलंगाना के सीमांत क्षेत्र के चंद्रपुर और गडचिरोली जिले के वन अधिकारियों को सतर्क किया है। अधिकारियों ने बताया कि चंद्रपुर और गडचिरोली में बाघों ने अब तक 43 लोगों को मौत गे घाट उतारा है।
इस साल गडचिरोली में दो साल के बाघ के बच्चे ने सात लोगों को मार डाला है। पता चला है कि बाघ के बच्चे ने इंसान को केवल मारकर चला नहीं गया, बल्कि उसका मांस भी चख गया। इसके चलते अधिकारी इस बाघ को नरभक्षक होने का अनुमान लगाया और लोगों को सावधान रहने का सुझाव दिया है। इस इलाके लोग नरभक्षक बाघ को पकड़कर मार डालने का अधिकारियों से आग्रह कर रहे हैं।