हैदराबाद: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार है। हमारे देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है। साथ ही पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाने की अनुमति मिल गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने वैक्सीन लेते समय की जाने वाली एक बड़ी गलती को लेकर लोगों को सतर्क किया है।
केंद्र सरकार ने कहा कि कोविड-19 की पहली डोज लेने के बाद लाभार्थी को दूसरी खुराक का समय निर्धारित करने या दूसरी खुराक लेने के समय उसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने की जरूरत है, जिसका इस्तेमाल पहली खुराक के समय किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दूसरी खुराक के लिए अलग मोबाइल नंबर का उपयोग करता है और टीकाकरण का समय निर्धारित करता है, तो यह पहली खुराक के रूप में पहचाना जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय का यह बयान ऐसे वक्त आया है कि को-विन में तकनीकी गड़बड़ी के कारण महाराष्ट्र के पुणे में 2.5 लाख लाभार्थियों को पहली खुराक के दो प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि को-विन ने भारत के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए डिजिटल ढांचे के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में आगे कहा कि एक व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन के लिए अपना मोबाइल नंबर देने की जरूरत है। इसके साथ नाम, उम्र और लिंग की जानकारी दिए जाने के साथ टीकाकरण के लिए समय तय करने या केंद्र पर जाकर टीका लेने की सुविधा है। पहचान के प्रमाण के रूप में नौ फोटो पहचान प्रमाणों में से चुनने का विकल्प दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद व्यक्ति को टीकाकरण की पहली डोज के समय उपयोग किये गये उसी मोबाइल नंबर के साथ उसी टीके की दूसरी डोज लेने की आवश्यकता होती है। एक ही व्यक्ति को टैग की जाने वाली पहली और दूसरी डोज दोनों के विवरण के लिए यह एकमात्र उपाय है।”
बयान में यह भी कहा गया, “यदि आप दूसरी डोज के लिए अलग मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं और टीकाकरण का समय निर्धारित करते हैं तो यह पहली डोज के रूप में पहचाना जाएगा। एक ही पहचान प्रमाण को दो अलग-अलग मोबाइल नंबर के साथ इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।” (एजेंसियां)