हैदराबाद : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो चुके पूर्व मंत्री ईटेला राजेंदर को लगातार शॉक पर शॉक लगते जा रहे हैं। हाल ही में तेलंगाना माओवादी के प्रवक्ता जगन ने ईटेला के नाम एक तीखा पत्र जारी किया है। माओवादी ने पूर्व मंत्री ईटेला राजेंदर द्वारा इस्तीफे देने के बाद जारी बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है।
माओवादियों ने याद दिलाया कि ईटेला राजेंद्र के इस्तीफे के बाद घोषणा की है कि केसीआर सामंती शासन के खिलाफ और तेलंगाना के लोगों के स्वाभिमान के लिए लड़ेंगे। इसके लिए आरएसएस की ओर से संघर्ष करने का ऐलान किया। इसके बाद हिंदुत्व पार्टी में शामिल हो गये।
माओवादी ने पत्र में आरोप लगाया, “केसीआर और ईटेला के बीच उठा मतभेद का तेलंगाना के लोगों से कोई संबंध नहीं है। यह दोनों एक ही झुंड के पक्षी हैं। तेलंगाना के गठन के बाद राज्य में टीआरएस पार्टी सत्ता में आई है। केसीआर और ईटेला सत्ता में आने के बाद तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं पर पानी फेर दिया। उनका शासन जनविरोधी रहा और हैं। इतना ही नहीं, साम्राज्यवादी ताकतें, निरंकुश पूंजीवादी व्यवस्था व सामंती शासन के अनुकूल हैं और तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को पुनर्निर्माण में बदल दिया है।”
माओवादी प्रवक्ता जगन ने यह भी आरोप लगाया कि कल तक केसीआर के बगल में बैठकर ईटेला ने सत्ता का सुख भोगा है और अपनी संपत्ति को बढ़ाने की कोशिश की है। इसके अंतर्गत गरीबों की जमीन पर अवैध कब्जा किया है।
माओवादी ने कहा कि केसीआर भैंस खाने वाले हैं, तो ईटेला राजेंदर भेड़ खाने की प्रथा को जारी रखा है। तेलंगाना के स्वाभिमान के लिए लड़ने की घोषणा करने वाले ईटेला अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए आज बीजेपी में शामिल हो गये हैं।
जगन ने पत्र में कहा कि हम तेलंगाना के लोगों को स्पष्ट करना चाहते हैं कि आरएसयू माओवादी कभी भी ईटेला जैसे नेता का समर्थन नहीं करेगी। ईटेला के फैसला का तेलंगाना के लोग और लोकतंत्र में विश्वास करने वाले संगठन विरोध कर रहे हैं। इस समय देश की जनता एकजुट होकर भाजपा हिंदुत्व फासीवाद के खिलाफ लड़ रही है। उसी तरह तेलंगाना के लोग केसीआर की तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर हैं।