शाबास तहसीलदार सुजाता, कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर करने वाले अधिकारियों को है यह तमाचा

हैदराबाद : एक महिला को कार्यालय जाना था। मगर बीमारी के कारण जाने की स्थिति में नहीं थी। ऐसे हालत में बहुत से अधिकारी उस काम या फाइल को बाजू में रख देते हैं। किंतु इस तहसीलदार ने फाइल को बाजू में नहीं रखा। मानवता का परिचय दिया। बीमार मरीज के पास गई और रजिस्ट्रेशन का काम पूरा किया।

मौजूदा हालात में कई ऐसे अधिकारी हैं, लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने पर भी काम नहीं करते। मगर जगित्याल जिले के मल्याल मंडल की तहसीलदार डी सुजाता को उसके इस काम के लिए बधाइयां ही बधाइयां मिल रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, जगित्याल जिले के मल्याल मंडल के तुक्कलपल्ली गांव निवासी दोनकोंडा कमला कुछ समय से बीमार है। उसने इलाज के खर्च के लिए अपनी 20 गुंटा जमीन बेच दिया। सोमवार को रजिस्ट्रेशन कार्यालय में स्लाट भी बुक किया। कमला एक डॉक्टर के घर में रसोई का काम करती है। दस साल पहले उसके पति की मौत हो गई थी। इन्हें पांच संतान हैं।

इस समय वह चल-फिरने की स्थिति में नहीं है। जगित्याल में वेंटिलेशन पर उसका चल रहा है। कमला की हालत जानकर मल्याल मंडल की तहसीलदार सुजाता जगित्याल में बीस्तर पर पड़े कमला के पास लैपटैप लेकर ऑपरेटर के साथ गई। मानवता का परिचय देते हुए धरणी रजिस्टेशन प्रक्रिया पूरी कर दी।

तहसीलदार सुजाता के इस कार्य की पूरे तेलंगाना में प्रशंसा हो रही है। वर्तमान हालत में लोगों को कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर करने वाले अधिकारियों के लिए यह एक तमाचा है।

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