मूल्यों के टूटन और विघटन से उत्पन्न सामाजिक द्वंद्व की स
Continue Readingपुस्तक समीक्षा : ‘कौन-सी कविता होती है पूरी’… में वर्णित विभिन्न विमर्श
शोध सार- कविता साहित्य की वह विधा है जिसके द्वारा मन की भा
Continue Readingपुस्तक समीक्षा: ‘जीवन संग्राम-क्रांतिवीर पं. गंगाराम वानप्रस्थी’
'जीवन संग्राम-क्रांतिवीर पं. गंगाराम वानप्रस्थी' ग्रंथ-र
Continue Reading‘कतरा और समंदर’ पुस्तक समीक्षा: कहानी के दो ही किरदार हैं और एक हिम्मत
इस कहानी के वैसे तो दो ही किरदार हैं--- एक, कतरा, दूसरा, समंद
Continue ReadingBook Review: ‘అమ్మపేరే నాకవిత్వం’ కొన్ని కవితలు మనల్ని పరీక్షీస్తాయి-కొన్ని నిరీక్షణ నేర్పుతాయి
అమ్మ అందమైన అనుబంధం అమావాస్య చీకటిలో నిండు చందమామని వ
Continue Readingपुस्तक समीक्षा : ‘इक्यावन कविताएँ’ हैं ज़िद्दी और जुझारू
फणीश्वरनाथ रेणु का कथन है- "लेखक के संप्रेषण में ईमानदारी
Continue Readingपुस्तक समीक्षा : ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’- संवेदनाओं के पथ पर उभरते स्वर…
अपने जीवन में व्यक्ति जब-जब भी स्वयं से संवाद करता है तो उ
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