हैदराबाद : साहित्य सेवा समिति की 118 वीं मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। गोष्ठी दो सत्रों में संपन्न हुई। प्रथम सत्र में “हिन्दी साहित्य में साम्प्रदायिक सद्भाव” विषय पर चर्चा हुई तथा द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। दोनो संत्रों के अध्यक्ष का कार्यवहन किया सुश्री सुनीता लुल्ला जी ने किया। गोष्ठी का प्रारंभ ममता सक्सेना के सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात अध्यक्ष सुनीता लुल्ला ने सभी का अभिनंदन किया।
प्रथम सत्र में चर्चा का विषय “हिन्दी साहित्य में साम्प्रदायिक सद्भाव” विषय पर प्रकाश डालते हुए कंचन श्रीवास्तव ने कहा कि संत साहित्य ने इस दिशा में अमूल्य कार्य किया। विषय के प्रमुख प्रवक्ता साहित्य व समाज सेवी श्रुतिकांत भारती ने कहा हर लेखन हर कार्य तभी सत्य होता है जब वह मनुष्यता को जीता है और मानवता को पोषित करता है। जो इससे परे है वह विनाश का ग्राहक है। प्राचीन साहित्यकारों से लेकर नवीन साहित्यकारों ने इसी कड़ी को पिरोया है।
अंततः जगदीश गुप्ता के शब्दों में कहा है कि मैं मानता हूं कि देश बड़ा है पर देश से भी बड़ी मनुष्यता है।” दिल्ली से जुड़े अभिजित पाठक ने चर्चा के मुख को मोड़ते हुए कहा शक्करी, शतुरमुर्गे चाशनी के छलावे में साहित्य को अपने खरे स्वरूप को बचाना होगा और सौहार्द के रूप में मानसिक दासता नहीं स्वीकारनी चाहिए। सी पी दायमा, सुनीता लुल्ला, गिरधारी लाल गुप्ता, दर्शन सिंह, उमेश चंद यादव, पुरुषोत्तम कड़ेल समेत सभी ने अंततोगत्वा इसे स्वीकारा व माना कि साहित्य से हित ही होता है। उसे भ्रम उत्पन्न करने और उकसाने के प्रयोग से वंचित रखना होगा।
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द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें कवियों ने काव्य रस संचारित किया। मुख्य रूप से चन्द्र प्रकाश दायमा, सुषमा सिंह, सुनीता लुल्ला, अभिजित पाठक, पुरुषोत्तम कड़ेल, दर्शनसिंह, गिरधारीलाल गुप्ता, वर्षा शर्मा, इंदु सिंह, ममता सक्सेना, गीता अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, उमेश चंद यादव, ममता और अन्य अपनी-अपनी रचनाएं सुनाये। इस अवसर पर विनोद गिरि अनोखा, बी एल आच्छा, तृप्ति मिश्रा आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।
अध्यक्षीय टिप्पणी में सुनीता लुल्ला ने समिति की गोष्ठी दिनोंदिन ऊंचाइयों को छूने पर हर्ष व्यक्त किया है। भविष्य में भी इसी तरह कार्य करने का सुझाव दिया। पुरुषोत्तम कड़ेल के धन्यवाद ज्ञापन से गोष्ठी का समापन हुआ। कार्यक्रम संयोजन व संचालन श्रीमती ममता जायसवाल ने किया तथा तकनीकी सहयोग समिति के सह सचिव उमेश चंद यादव का रहा है। मीडिया प्रभारी के रूप में गीता अग्रवाल ने अपनी अहम भूमिका निभाई।